अल्मोड़ा के इस मंदिर में चिट्ठी लिखकर मांगी जाती है मुरादें, पूरी होने पर भक्त चढ़ाते हैं घंटी

वैसे तो उत्तराखंड में कई मंदिर हैं, जहां भारी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं, जैसे केदारनाथ, बद्रीनाथ, नन्दा देवी मंदिर, मनसा देवी, झुलादेवी आदि. लेकिन आज हम आपको उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले के चितई गोलू मंदिर के बारे में बात करने जा रहे हैं. यह मंदिर लोगों के बीच इतना क्यों प्रसिद्ध है इससे जुड़ी क्या मान्यता है आइए इस लेख में विस्तार से जानते हैं...

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अल्मोड़ा के इस मंदिर में चिट्ठी लिखकर मांगी जाती है मुरादें, पूरी होने पर भक्त चढ़ाते हैं घंटी
गोलू देवता को स्थानीय मान्यताओं में सबसे बड़े और त्वरित न्याय के देवता के तौर पर पूजा जाता है.

Chitai golu mandir : उत्तराखंड को देव भूमि कहा जाता है, इसका ऋग्वेद में भी जिक्र मिलता है. इसे ऋषि मुनियों की तपो भूमि कहा जाता है. यहां पर देवी-देवताओं के कई प्राचीन ऐतिहासिक मंदिर हैं, जिनके दर्शन करने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं. यहां के मंदिरों की प्रसिद्धि देश में ही नहीं बल्कि विदेशी में भी है. वैसे तो उत्तराखंड में कई मंदिर हैं, जहां भारी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं, जैसे केदारनाथ, बद्रीनाथ, नन्दा देवी मंदिर, मनसा देवी, झुलादेवी आदि. लेकिन आज हम आपको उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले के चितई गोलू मंदिर के बारे में बात करने जा रहे हैं. यह  मंदिर लोगों के बीच इतना क्यों प्रसिद्ध है इससे जुड़ी क्या मान्यता है आइए इस लेख में विस्तार से जानते हैं...

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चितई गोलू मंदिर की क्या है खासियत - What is special about Chitai Golu temple?

इस मंदिर में सफेद घोड़े पर सिर पर सफेद पगड़ी बांधे गोलू देवता की प्रतिमा है, जिनके हाथों में धनुष बाण है. आपको बता दें कि गोलू देवता अपने न्याय के लिए दूर-दूर तक प्रसिद्ध हैं.

गोलू देवता को स्थानीय मान्यताओं में सबसे बड़े और त्वरित न्याय के देवता के तौर पर पूजा जाता है. इन्हें राजवंशी देवता और गौर भौरव के नाम से भी जाना जाता है. आपको बता दें कि चितई गोलू देवता को लोग भगवान शिव और कृष्ण जी का अवतार मानते हैं. 

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इस मंदिर की खास बात है कि यहां पर प्रवेश करते ही आपको हर तरफ घंटियां और चिट्ठियां दिवारों और पेड़ों में टंगी दिखाई पड़ेंगी. क्योंकि यहां पर श्रद्धालु लाल धागा या फिर चुनरी बांधकर मुराद नहीं मांगते हैं, बल्कि गोलू देवता से अपने मन की बात चिट्ठी लिखकर कहते हैं. वहीं, जब भक्तों की मुराद पूरी हो जाती है, तो नारियल, मिठाई नहीं बल्कि उन्हें घंटी चढ़ाते हैं. कुछ लोग तो मुराद लिखते समय स्टैम्प भी चिट्ठी पर लगाते हैं. 

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उत्तराखंड में कहां है चितई गोलू मंदिर - Where is Chitai Golu Temple in Uttarakhand

चितई गोलू मंदिर अल्मोड़ा से आठ किलोमीटर दूर पिथौरागढ़ हाईवे पर स्थित है. 

दिल्ली से कितना दूर है गोलू मंदिर - How far is Golu Mandir from Delhi?

 दिल्ली से 400 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. आप यहां दर्शन के लिए आनंद विहार से सीधे अल्मोड़ा की बस ले सकते हैं. इसके अलावा आप पहले दिल्ली से हल्द्वानी भी जा सकते हैं और इसके बाद यहां से अल्मोड़ा के लिए गाड़ी लेकर पहुंच सकते हैं. 

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