Tulsi Puja Niyam : सनातन धर्म में तुलसी (Tulsi) के पौधे को पूजनीय माना गया है, कहते हैं कि इसमें मां लक्ष्मी (Maa Lakshmi) का वास होता है. जिस घर में तुलसी का पौधा लगा होता है वहां पर सुख शांति और समृद्धि आती है. इतना ही नहीं रोजाना तुलसी पर जल चढ़ाकर इसके पास घी का दीया जलाना चाहिए और विधि-विधान से तुलसी के पौधे (Tulsi Puja) की पूजा करनी चाहिए. इससे देवी लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं. ऐसा करने से आर्थिक समस्या नहीं होती है और घर में सुख शांति और समृद्धि आती है. लेकिन आपको ये जानना जरूरी है कि तुलसी की पूजा करते समय आपको किन नियमों का पालन करना चाहिए और किन महिलाओं को तुलसी की पूजा नहीं करनी चाहिए.
इन महिलाओं को नहीं करनी चाहिए तुलसी की पूजा
- हमेशा स्नान करने के बाद साफ कपड़े पहनकर ही तुलसी के पौधे को छुएं.
- मासिक धर्म यानी कि पीरियड्स के दौरान महिलाओं तुलसी की पूजा नहीं करनी चाहिए. इस दौरान आपको पौधे से दूरी बनाकर रखनी चाहिए.
तुलसी मां की पूजा करते समय रखें इन चीजों का ध्यान
अब बात आती है कि तुलसी की पूजा करते समय किन नियमों का पालन करना चाहिए, तो बता दें कि तुलसी का पौधा ऐसी जगह पर रखना चाहिए जहां पर साफ सफाई हो. मां लक्ष्मी वहीं वास करती हैं जहां स्वच्छा का विशेष ध्यान रखा जाता है. ऐसे में तुलसी के पौधे को कभी भी जूते चप्पल, झाड़ू, गंदे कपड़े के आसपास नहीं रखना चाहिए. ना ही गंदे हाथों से या बिना नहाए तुलसी के पौधे को छूना चाहिए. तुलसी की पूजा का नियम ये भी कहता है कि एकादशी के दिन तुलसी की पूजा सच्चे मन से करनी चाहिए, लेकिन उन्हें जल नहीं अर्पित करना चाहिए और एकादशी के दिन तुलसी का पत्ता भी नहीं तोड़ना चाहिए, क्योंकि इस दिन मां लक्ष्मी का व्रत होता है और उन्हें छूने से व्रत खंडित हो सकता है. इसके साथ ही बुधवार और रविवार के दिन भी तुलसी का पत्ता नहीं तोड़ना चाहिए.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)