देखें जनवरी के चौथे सप्ताह में पड़ने वाले इन व्रत और त्योहारों की पूरी लिस्ट

आज हम आपको बता रहे हैं साल 2022 के पहले महीने जनवरी के चौथे सप्ताह में पड़ने वाले व्रत और त्योहारों के बारे में. इस सप्ताह कालाष्टमी, गणतंत्र दिवस, षटतिला एकादशी के साथ-साथ प्रदोष व्रत और मासिक शिवरात्रि का व्रत रखा जाएगा.

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नई दिल्ली:

साल की शुरुआत के साथ ही व्रत और त्योहार का आना भी शुरू हो चुका है. आज हम आपको बता रहे हैं साल 2022 के पहले महीने जनवरी के चौथे सप्ताह में पड़ने वाले व्रत और त्योहारों के बारे में. आज ( 24 जनवरी) से यानि की सोमवार से जनवरी का चौथा महीना शुरू हो रहा है. बता दें कि इस सप्ताह में कल यानि की 25 जनवरी (मंगलवार) को  कालाष्टमी (Kalashtami) पड़ेगी, जिस दिन भगवान शिव के स्वरूप काल भैरव का पूजन किया जाता है. वहीं 26 जनवरी दिन बुधवार को गणतंत्र दिवस (Republic Day) मनाया जाएगा.

इसके बाद 28 जनवरी, शुक्रवार के दिन षटतिला एकादशी (Shattila Ekadashi) का व्रत रखा जाएगा, इस दिन भगवान श्री हरि विष्णु की आराधना की जाती है. वहीं 30 जनवरी, रविवार के दिन प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat) व मासिक शिवरात्रि (Masik Shivratri) मनाई जाएगी.

जनवरी 2022 साप्ताहिक व्रत और त्योहार | January 2022 Weekly Vrat And Festivals

कालाष्टमी- 25 जनवरी, मंगलवार.

भगवान शिव (Lord Shiva) के रुद्र रूप काल भैरव (Kaal Bhairav) की पूजा हर माह कृष्ण पक्ष की अष्टमी (Krishna Paksha Ashtami) को की जाती है. इस साल की पहली कालाष्टमी का व्रत और पूजन 25 जनवरी को किया जाएगा. बता दें कि मासिक कालाष्टमी को काल भैरव की पूजा रात्रि में की जाती हैं. वहीं, रात्रि में चंद्रमा को जल चढ़ाने के बाद ही यह व्रत पूरा माना जाता हैं. धार्मिक मान्यता है कि कालाष्टमी का व्रत और पूजा करने से व्यक्ति को हर प्रकार के डर से मुक्ति मिलती है. इतना ही नहीं, भगवान की कृपा से रोग-व्याधि दूर होते हैं.

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गणतंत्र दिवस- 26 जनवरी, बुधवार.

गणतंत्र दिवस (Republic Day) भारत का राष्ट्रीय पर्व है, जिसे हर साल 26 जनवरी को धूमधाम से मनाया जाता है. 26 जनवरी 1950 को संविधान को लोकतांत्रिक सरकार प्रणाली के साथ लागू किया गया था. इस दिन भारत को पूर्ण गणतंत्र घोषित किया गया था. पहली बार गणतंत्र दिवस 26 जनवरी 1950 को मनाया गया था. तब से हर साल 26 जनवरी को भारत में गणतंत्र दिवस मनाया जाता है. इस दिन भारत के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने 21 तोपों की सलामी के साथ ध्वजारोहण किया था और भारत को पूर्ण गणतंत्र घोषित किया था.

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षटतिला एकादशी- 28 जनवरी, शुक्रवार.

षटतिला एकादशी का व्रत माघ मास (Magh Month) के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को रखा जाता है. इस वर्ष षटतिला एकादशी व्रत 28 जनवरी दिन शुक्रवार को है. इस दिन व्रत रखते हैं और भगवान विष्णु (Lord Vishnu) की पूजा विधि विधान से करते हैं. कहते हैं षटतिला एकादशी व्रत करने से मनोकामनाओं की पूर्ति होती है और मृत्यु के बाद मोक्ष मिलती है. मान्यता है कि इस दिन व्रत करने से व्यक्ति को कन्यादान, हजारों सालों की तपस्या और स्वर्ण दान के समान पुण्य की प्राप्ति होती है.

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प्रदोष व्रत, मासिक शिवरात्रि- 30 जनवरी, रविवार.

प्रदोष व्रत:  प्रदोष व्रत भगवान शिव (Lord Shiva) को समर्पित है. माघ माह में कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी 30 जनवरी, रविवार के दिन पड़ रही है. इस दिन भगवान शिव को समर्पित प्रदोष व्रत रखा जाएगा. इस दिन भोलेनाथ की विधि-विधान के साथ पूजा-अर्चना की जाती है. यह रवि प्रदोष व्रत है. माना जाता है कि इस दिन पूजन करने से भगवान शिव की कृपा से सुख, सौभाग्य और आरोग्य प्राप्त होता है. इस दिन प्रदोष काल में शिव पूजा करते हैं.

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मासिक शिवरात्रि: माघ मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मासिक शिवरात्रि का व्रत (Masik Shivratri 2022) रखा जाता है. मासिक शिवरात्रि भगवान शिव (Lord Shiva) को अति प्रिय है. माघ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि का 30 जनवरी, रविवार शाम 05 बजकर 28 मिनट से आरंभ होगी और. इसका समापन सोमवार 31 जनवरी को दोपहर 02 बजकर 18 मिनट तक है. इस दिन प्रदोष व्रत और शिवरात्रि का संयोग बना हुआ है.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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