Kedarnath dham jyotirling significance: केदारानाथ मंदिर शिव जी के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है. मान्यता है इस ज्योतिर्लिंग में दर्शन करने मात्र से सारे दुख तकलीफ दूर हो जाते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है. आपको बता दें कि कल से चारधाम की यात्रा शुरू हो गई है गंगोत्री और यमुनोत्री के कपाट खोल दिए गए हैं और कल यानी 2 मई को केदारनाथ धाम के ब्रह्म मुहूर्त में विशेष पूजा अर्चना के साथ कपाट खोल दिए जाएंगे.
आपको बता दें कि इस मंदिर से जुड़े कई ऐसे रहस्य हैं, जिसे जानने के बाद हर कोई दंग हो जाता है. जिसमें से एक है अखंड ज्योति का जलना.
केदारनाथ की अखंड ज्योति का रहस्य - The mystery of the eternal flame of Kedarnath
केदारनाथ मंदिर के कपाट बंद करने से पहले चार पहर की पूजा होती है फिर एक ज्योति जलाई जाती है, जिसमें उसके आकार जितना घी डालकर कपाट बंद कर दिए जाते हैं.
जब 6 महीने बाद कपाट खुलते हैं, वैसे ही अखंड ज्योति जलती हुई रहती है, जिसके दर्शन के लिए श्रद्धालु बहुत उत्सुक रहते हैं. एनडीटीवी से बातचीत में केदारनाथ के पंडित इस अखंड ज्योति को लेकर बात करते हुए कहा कि जब 6 महीने के लिए कपाट बंद हो जाते हैं, तो यहां पर देवी-देवता आकर पूजा पाठ करते हैं. वही अखंड ज्योति में घी डालते हैं. यही कारण है 6 महीने बाद भी यह अखंड ज्योति जलती रहती है.
भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंग के नाम और स्थान - Names and locations of the 12 Jyotirlingas of Lord Shiva
12 ज्योतिर्लिंगों के क्रमानुसार नाम हैं- सोमनाथ, मल्लिकार्जुन, महाकालेश्वर, वैद्यनाथ, भीमशंकर, रामेश्वर, नागेश्वर, विश्वनाथ, त्रंबकेश्वर, केदारनाथ और घृष्णेश्वर. सभी ज्योतिर्लिंग क्रमशः गुजरात, आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश, मध्य प्रदेश, झारखंड, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, गुजरात, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, उत्तराखंड और महाराष्ट्र में स्थि हैं.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)