घर के भीतर कहां और कैसा होना चाहिए बच्चे का स्टडी रूम? जानें सही वास्तु नियम

Study Room Vastu Tips: अगर बहुत पढ़ाई करने के बाद भी आपका बच्चा पढ़ाई में पिछड़ जा रहा है या फिर उसका मन पढ़ाई में नहीं लगता है तो आपको उसके कमरे के वास्तु दोष पर जरूर ध्यान देना चाहिए. स्टडी रूम के वास्तु नियम को जानने के लिए पढ़ें ये लेख.

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स्टडी रूम के वास्तु दोष दूर करने का उपाय
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Study Room Vastu Rules: अक्सर घर के तमाम लोगों की शिकायत होती है कि उनके बच्चे का मन पढ़ाई में नहीं लगता है तो कुछ को इस बात को लेकर चिंता रहती है कि आखिर उनका बच्चे की मेहनत क्यों नहीं सफल होती? पंचतत्वों पर आधारित वास्तु शास्त्र (Vastu Shastra) में ऐसे तमाम सवालों के जवाब मिलते हैं, जिन्हें अपना कर न जिंदगी को आसान, सफल और सुखमय बनाया जा सकता है. मसलन, अगर आपके बार-बार कहने के बाद भी आपका बच्चा पढ़ाई में अपना मन नहीं लगा रहा है या फिर वह तमाम कोशिशों के बावजूद एकाग्र मन से अध्ययन नहीं कर पा रहा है तो आपको एक बार उसके स्टडी रूम के वास्तु पर जरूर नजर दौड़ानी चाहिए. आइए जानते हैं कि वास्तु के अनुसार कैसा होना चाहिए स्टडी रूम (Study Room) - 

स्टडी रूम की दिशा 

वास्तु के अनुसार घर में हमेशा बच्चों के लिए स्टडी रूम को ईशान कोण में या फिर पूर्व, उत्तर दिशा में बनाना चाहिए. यदि किसी कारण से ऐसा न हो पाए तो जिस भी कमरे में आप अपने बच्चे की स्टडी टेबल रखें, वहां पर दिशा से जुड़ा नियम जरूर फालो करें. 

स्टडी रूम की दीवारों का रंग 

वास्तु शास्त्र के अनुसार न सिर्फ दिशाओं का बल्कि रंगों का भी जीवन पर बहुत असर पड़ता है. ऐसे में आपको हमेशा स्टडी रूम के लिए हल्के पीले रंग, हल्के गुलाबी या फिर हल्के हरे रंग का चयन करना चाहिए. सकारात्मक उर्जा से भरे रंगों वाले कमर में पढ़ाई करने से बच्चे के भीतर एकाग्रता और स्फूर्ति बनी रहेगी. इसके विपरीत गंदगी, सीलन और डार्क कलर वाले कमरे में उसका मन पढ़ाई से उचट जाएगा. उसके भीतर आलस्य और असमंजस की स्थिति बनी रहेगी. 

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इन बातों का भी रखें ख्याल 

  • वास्तु शास्त्र के अनुसार स्टडी रूम और स्टडी टेबल (Study Table) की दिशा के साथ बच्चे का मुंह किस ओर रहे इस पर भी फोकस करने की आवश्यकता रहती है. वास्तु नियम (Vastu Rules) कहता है कि बच्चे को हमेशा उत्तर या पूर्व दिशा की ओर मुंह करके पढ़ाई करना चाहिए. 
  • वास्तु के अनुसार बच्चे की टेबल आयताकार अथवा चौकोर होनी चाहिए, लेकिन ध्यान रहे कि बच्चे की टेबल और उसका कमरा कभी भी अस्त-व्यस्त नहीं होनी चाहिए.
  • वास्तु के अनुसार श्रव्य और दृश्य का बच्चे पर काफी असर पड़ता है. ऐसे में उसके कमरे में हिंसक तस्वीरें या फिर टीवी, म्युजिक सिस्टम, मोबाइल (Mobile) आदि रखने से बचें. 
  • वास्तु के अनुसार बच्चे को कभी भी बीम के नीचे बैठकर पढ़ाई नहीं करना चाहिए. 
  • बच्चे के स्टडी रूम में यदि उत्तर या पूर्व दिशा की ओर दरवाजा और खिड़कियां हो तो बेहतर रहता है. इन​ दिशाओं से सकारात्मक उर्जा, प्रकाश और हवा आती है. जिससे बच्चा फ्रेश माइंड से पढ़ाई करता है. 
  • स्टडी रूम में प्रकाश की व्यवस्था जैसे बल्ब, राड आदि भी इसी दिशा में करने का प्रयास करें. बच्चे के स्टडी रूम में प्रकाश की उचित व्यवस्था रखें.  

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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