ब्यास नदी के उफान में भी पंचवक्त्र महादेव मंदिर चट्टान की तरह खड़ा! क्या है इस ऐतिहासिक मंदिर की खासियत

आपको बता दें कि यह वही मंदिर है जो जुलाई 2023 में आई तबाही में पानी से लबालब भर गया था.  ऐसे में इस साल मंदिर का चट्टान की तरह डटे रहना किसी चमत्कार से कम नहीं है.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
 नदी की जलधारा मंदिर की परिक्रमा करते हुए निकल गई, लेकिन अंदर प्रवेश न कर सकी, जोकि लोगों को हैरत में डाल रहा है. 


Panchvaktra Temple Miracle: हिमाचल के मंडी शहर में बादल फटना और ब्यास नदी में आए उफान के बाद लोगों के बीच प्राचीन ऐतिहासिक पंचवक्त्र महादेव मंदिर चर्चा का विषय बना हुआ है. क्योंकि ब्यास के रौद्र प्रवाह के बीच मंडी शहर का यह प्राचीन महादेव का मंदिर, चट्टान की तरह डटा रहा. नदी की जलधारा मंदिर की परिक्रमा करते हुए निकल गई, लेकिन अंदर प्रवेश नहीं कर सकी. जो कि लोगों को हैरत में डाल रहा है.  आपको बता दें कि यह वही मंदिर है जो जुलाई 2023 में आई तबाही में जलमग्न हो गया था.  ऐसे में आज के इस आर्टिकल में हम आपको हिमाचल के इस मंदिर से जुड़ी क्या खासियत है, इसके बारे में विस्तार से बताने जा रहे हैं. 

पंचवक्त्र मंदिर की खासियत

पंचवक्त्र महादेव मंदिर में भगवान शिव के पांच मुख वाले रूप की पूजा की जाती है, जो सभी पांच तत्वों- पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु और अंतरिक्ष में उनकी ब्राह्मांडीय उपस्थिति का प्रतीक है. आपको बता दें कि यह प्राचीन मंदिर सिर्फ आध्यात्मिक केंद्र नहीं है बल्कि ऐतिहासिक रूप से भी महत्वपूर्ण है. यह एएसआई द्वारा संरक्षित मंदिर है.

आपको बता दें कि इस मंदिर की सबसे बड़ी खासियत इसका लचीलापन है. ब्यास नदी में लगातार बाढ़ आने के बावजूद यह मंदिर चट्टान की तरह खड़ा रहा. इससे लोगों में विश्वास और मजबूत हो गया है कि इस मंदिर में जरूर कोई दैवीय शक्ति है. यानी यह मंदिर सिर्फ पूजा अर्चना तक ही सीमित नहीं है बल्कि यह आध्यात्मिकता, इतिहास और वास्तुकला का अनूठा मिश्रण है.

Advertisement

इस मंदिर में महाशिवरात्रि और सावन के दौरान भक्तों का तांता लगता है. ऐसी मान्यता है कि इस मंदिर में पूजा-पाठ करने से सारी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. यही कारण है शिवरात्रा, सावन और नागपंचमी पर्व के दौरान भक्त भोलेनाथ का जलाभिषेक करने के लिए बड़ी संख्या में आते हैं. 

Advertisement

 क्यों जाना चाहिए पंचवक्त्र मंदिर

इस मंदिर में पांच मुख वाले शिव की प्रतीमा है. जो महादेव का दुर्लभ चित्रण है. यह एक ब्रह्मांडीय शक्ति प्रतीक है.

Advertisement

जैसा की सभी शिव मंदिर में नंदी होती हैं यहां पर भी नंदी की भव्य मूर्ति शिव जी के गर्भगृह के ठीक सामने स्थापित है. 

Advertisement

इस मंदिर का प्रवेश द्वार ब्यास नदी के ठीक सामने है. वहीं, प्रवेश द्वार पर दो जटिल नक्काशीदार संरक्षक मूर्तियां खड़ी हैं. 

यह मंदिर मंडी में स्थित है, जो 84 प्राचीन मंदिरों के लिए प्रसिद्ध है, जिसे अक्सर हिमाचल प्रदेश का "छोटी काशी" कहा जाता है.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

Featured Video Of The Day
Chirag Paswan ने Bihar की कानून व्यवस्था पर उठाए सवाल तो Tejashwi Yadav ने किया पलटवार
Topics mentioned in this article