Ganga Dussehra 2022: घर में गंगाजल रखने के ये हैं खास नियम, गंगा दशहरा पर ना करें ऐसी गलतियां

Ganga Dussehra 2022: हिंदू धर्म में गंगाजल का बेहद धार्मिक महत्व है. गंगाजल से जुड़ी कुछ बातों का विशेष ध्यान रखा जाता है.

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Ganga Dussehra 2022: गंगा दशहरा के दिन गंगाजल का खास महत्व बताया गया है.

Ganga Dussehra 2022: हिंदू धर्म में गंगा दशहरा का बेहद धार्मिक महत्व है. यह पर्व ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है. मान्यताओं के मुताबिक इस दिन मां गंगा (Maa Ganga) धरती पर अवतरित हुई थीं. कहा जाता है कि भगीरथ (Bhagirath) अपने पूर्वजों के उद्धार लिए तपस्या की. जिसके परिणामस्वरूप मां गंगा का देवलोक से धरती पर आगमन हुआ. गंगा दशहरा (Ganga Dussehra) पर गंगा स्नान का खास महत्व है. कहा जाता है कि इस दिन गंगा स्नान (Ganga Snan) करने से पाप कट जाते हैं. इसके अलावा इस दिन गंगाजल (Gangajal) का भी विशेष महत्व बताया गया है. मान्यता है कि इस गंगाजल के स्पर्श से मोक्ष की प्राप्ति होती है. आइए जानते हैं गंगा दशहरा पर गंगाजल से जुड़ी खास बातें. 

गंगाजल से जुड़ी इन बातों को नहीं किया जाता है नजरअंदाज | These things related to Gangajal are not ignored

धार्मिक मान्यता है कि घर में जिस स्थान पर गंगाजल (Gangajal) रखा जाता है, वह जगह साफ-सुथरा और पवित्र रहना चाहिए. साथ ही गंदे हाथों से गंगाजल स्पर्श करना अशुभ माना गया है. मांस-मदिरा सेवन करके गंगाजल को छूना नहीं चाहिए. मान्यता है कि ऐसा करने से दोष लगता है. 

अंधेर में नहीं रखा जाता है गंगाजल

धार्मिक मान्यतानुसार घर में गंगाजल रखने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता रहता है. कहा जाता है कि गंगाजल को कभी भी अंधेरे में नहीं रखना चाहिए. ऐसे में अगर आप भी घर में गंगाजल रखते हैं तो इस बात का विशेष ध्यान रखें. 

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शुद्ध स्थान पर रखा जाता है गंगाजल

धार्मिक मान्यता है कि गंगाजल को हमेशा शुद्ध स्थान पर ही रखना चाहिए. गंगाजल को ऐसे स्थान पर रखा जाता है जो कि शुद्ध हो. साथ ही गंगाजल जहां रखा जाता हो उसके आप-पास भी शुद्धता का ध्यान रखना चाहिए, ऐसी मान्यता है. घर का ईशान कोण (पूर्व-उत्तर का कोना) देवताओं का वास माना जाता है. ऐसे में गंगाजल को हरसंभव ईशान कोण में भी रखा जाता है. 

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गंगाजल रखने के लिए कौन का पात्र है शुभ

आमतौपर लोग गंगाजल को प्लास्टिक की बोतल में रखते हैं. धार्मिक मान्यतानुसार यह सही नहीं है. विज्ञान में प्लास्टिक की बोतल को जहरीला माना जाता है. धार्मिक दृष्टिकोण से भी प्लास्टिक अशुभ माना जाता है. ऐसे में गंगाजल को हमेशा पीतल, तांबे या चांदी की के पात्र में रखना चाहिए. ऐसा कहा जाता है. 

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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