Som Pradosh Vrat 2022: 28 फरवरी को है सोम प्रदोष व्रत, जानें कैसे करें भोलेनाथ की पूजा

सोम प्रदोष व्रत (Som Pradosh Vrat) के दिन देवों के देव महादेव का पूजन (Mahadev Ka Pujan) और व्रत किया जाता है. मान्यता है कि प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat) के दिन पवित्र मन से भोलेनाथ की आराधना करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं.

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सोम प्रदोष व्रत (Som Pradosh Vrat) के दिन देवों के देव महादेव का पूजन (Mahadev Ka Pujan) और व्रत किया जाता है. मान्यता है कि प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat) के दिन पवित्र मन से भोलेनाथ की आराधना करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं.
नई दिल्ली:

फाल्गुन माह (Phalgun Month) के कृष्ण पक्ष में सोम प्रदोष व्रत (Som Pradosh Vrat) रखा जाएगा. इस दिन देवों के देव महादेव का पूजन (Mahadev Ka Pujan) और व्रत किया जाता है. आज के दिन शिवालयों में भक्तों का तांता लगा रहता है. महादेव (Devo K Dev Mahadev) के भक्त इस दिन विधि-विधान से पूजन कर उनकी आराधना में लीन हो जाते हैं.

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मान्यता है कि प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat) के दिन पवित्र मन से भोलेनाथ की आराधना करने से सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं और भोलेनाथ (Bholenath) की कृपा बनी रहती है. इस मास का पहला प्रदोष व्रत 28 फरवरी दिन सोमवार को पड़ रहा है.

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ज्ञात हो कि सोमवार का दिन भगवान शिव (Lord Shiva) का होता है. ऐसे में सोमवार के दिन प्रदोष व्रत के पड़ने से इसका महत्व और अधिक बढ़ जाता है. आइए जानते हैं सोम प्रदोष व्रत के दिन किस विधि भगवान शिव की पूजा करनी चाहिए.

पूजन के समय करें इन मंत्रों का जाप

भगवान शिव पंचाक्षर मंत्र

ॐ नमः शिवाय।

महामृत्युंजय मंत्र

ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्‌।

उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्‌॥

भगवान शिव गायत्री मंत्र

ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्र: प्रचोदयात।

शिव मंत्र

ॐ नमः शिवाय।

नमो नीलकण्ठाय।

ॐ पार्वतीपतये नमः।

ॐ ह्रीं ह्रौं नमः शिवाय।

ॐ नमो भगवते दक्षिणामूर्त्तये मह्यं मेधा प्रयच्छ स्वाहा।

सोम प्रदोष व्रत पूजा विधि |  Som Pradosh Vrat Puja Vidhi

  • द्वादशी तिथि के दिन तामसिक भोजन ग्रहण ना करें.
  • त्रयोदशी को ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान-ध्यान से निर्मित हो जाएं.
  • गंगाजल से आमचन कर अपने आप को शुद्ध और पवित्र कर लें.
  • घर के पूजा घर में दीया जलाएं और शिवजी का ध्यान करें.
  • सबसे पहले भगवान सूर्य को जल का अर्घ्य दें.
  • भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा फल, फूल, धूप, दीप, अक्षत, भांग, धतूरा, दूध, दही और पंचामृत से करें.

  • पूजा करते समय शिव चालीसा का पाठ, मंत्रों का जाप जरूर करें.
  • पूजा के आखिर में आरती कर भगवान शिव और माता पार्वती से अन्न, जल और धन की कामना करें.
  • संभव हो तो दिनभर उपवास रखें.
  • शाम के समय आरती-अर्चना करें और फिर फलाहार करें.
  • अगले दिन पूजा-पाठ संपन्न कर व्रत खोलें.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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