Solar Eclipse 2021: आज 10 जून को इस साल का पहला सूर्य ग्रहण लग रहा है. सूर्य ग्रहण के दौरान चंद्रमा सूर्य के लगभग 97 प्रतिशत हिस्से को कवर करेगा. यह ग्रहण एक 'रिंग ऑफ फायर' या वलयाकार सूर्य ग्रहण होगा. यानी ग्रहण के समय दुनिया के कुछ हिस्सों में रिंग ऑफ फायर (Ring of Fire) बनती हुई नजर आएगी. ये नाजार बेहद अद्भुत होगा. लेकिन इस घटना को आई ग्लास के प्रोटेक्शन के बिना आसमान में भूलकर भी देखने की कोशिश नहीं करें, क्योंकि बिना प्रोटेक्शन के इसे देखने से आंखों को नुकसान पहुंचेगा. अगर आपके पास कोई प्रोटेक्शन उपलब्ध नहीं है तो आप इस नजारे को ऑनलाइन देख सकते हैं.
क्यों खास है आज का सूर्य ग्रहण?
सूर्य ग्रहण आज शनि जयंती और वट सावित्री व्रत के दिन लग रहा है, जिससे इस ग्रहण का धार्मिक महत्व अधिक बढ़ गया है. इसके साथ ही 15 दिन के कम समय के अंदर आज इस साल का दूसरा ग्रहण लग रहा है. इससे पहले 26 मई को इस साल का पहला चंद्र ग्रहण लग चुका है.
कैसे और क्यों बनता है 'आग का छल्ला' (Ring of Fire)?
दरअसल, ग्रहण के दौरान रिंग ऑफ फायर उस वक्त बनती है जब चंद्रमा, सूरज से अधिक दूरी पर होने के कारण उसे पूरी तरह से ढक नहीं पाता है. ऐसे में चंद्रमा से केवल सूरज का बीच का हिस्सा ही ढक पाता है और बीच के हिस्से की रोशनी पृथ्वी तक नहीं पहुंच पाती है. इस स्थिति में केवल साइडो से ही सूरज की रोशनी पृथ्वी से दिखाई देती है. जब सिर्फ साइडो से ही सूरज की रोशनी पृथ्वी पर पड़ती है तो उसे रिंग ऑफ फायर या फिर 'अग्नि वलय' कहा जाता है.'
रिंग ऑफ फायर' सूर्य ग्रहण कहां दिखाई देगा?
- उत्तर पूर्वी यूएस और पूर्वी कनाडा में लोग एक आंशिक सूर्य ग्रहण देखेंगे.
- उत्तरी कनाडा, ग्रीनलैंड और रूस के लोग वलयाकार सूर्य ग्रहण देख सकेंगे, जिसे 'रिंग ऑफ फायर' कहा जाता है.
- उत्तरी ओंटारियो और क्यूबेक के एक छोटे से क्षेत्र में 'रिंग ऑफ फायर' दिखाई देगा.
- स्पेन, जर्मनी, यूनाइटेड किंगडम, फ्रांस और स्कैंडिनेविया सहित उत्तरी यूरोप में रहने वाले लोग भी आंशिक सूर्य ग्रहण देख सकेंगे.
क्या भारत में दिखेगा 'रिंग ऑफ फायर' ?
भारत में 'रिंग ऑफ फायर' सूर्य ग्रहण दिखाई नहीं देगा. लेकिन आप इसे ऑनलाइन देख सकेंगे.
भारत में कहां और किस समय दिखेगा सूर्य ग्रहण?
एम पी बिरला तारामंडल के निदेशक देबीप्रसाद दुरई ने मंगलवार को कहा कि सूर्य ग्रहण भारत में अरुणाचल प्रदेश और लद्दाख के कुछ हिस्सों से ही दिखाई देगा. अरुणाचल प्रदेश में दिबांग वन्यजीव अभयारण्य के पास से शाम लगभग 5:52 बजे इस खगोलीय घटना को देखा जा सकेगा. वहीं, लद्दाख के उत्तरी हिस्से में, जहां शाम लगभग 6.15 बजे सूर्यास्त होगा, शाम लगभग छह बजे सूर्य ग्रहण देखा जा सकेगा.
सूर्य ग्रहण किस समय लगेगा?
भारतीय समयानुसार पूर्वाह्न 11:42 बजे आंशिक सूर्य ग्रहण होगा और यह अपराह्न 3:30 बजे से वलयाकार रूप लेना शुरू करेगा. इसके बाद फिर शाम 4:52 बजे तक आकाश में सूर्य अग्नि वलय (आग का छल्ला) की तरह दिखाई देगा. सूर्य ग्रहण भारतीय समयानुसार शाम लगभग 6:41 बजे समाप्त होगा.
क्या होता है सूर्य ग्रहण
दरअसल, यह एक खगोलीय घटना है. असल में ऐसा तब होता है जब सूर्य और पृथ्वी के बीच में चंद्रमा के आ जाने के कारण सूर्य का प्रकाश पृथ्वी तक नहीं पहुंच पाता है. इस वजह से इसे सूर्य ग्रहण कहते हैं.
नंगी आंखों से न देखें सूर्य ग्रहण
1. नंगी आंखों से ग्रहण देखने के कारण आंखों पर बुरा प्रभाव पड़ता है. इससे आंखें खराब भी हो सकती हैं.
2. सूर्य ग्रहण के वक्त उससे निकलने वाली पराबैंगनी किरणों के कारण ऐसा होता है.
3. इस वजह से सूर्य ग्रहण को देखने के लिए सोलर फिल्टर चश्मे का इस्तेमाल करें.
4. आपको बता दें सोलर फिल्टर चश्मे को सोलर-व्युइंग ग्लासेस, पर्सनल सोलर फिल्टर्स या आइक्लिप्स ग्लासेस भी कहते हैं.
5. अगर आपके पास सोलर फिल्टर चश्मे नहीं हैं तो ग्रहण ना देखें.