Shri Laxmi Yantra: मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए रख रहे हैं श्री लक्ष्मी यंत्र, तो इस तरह करें स्थापना, मां का मिलेगा आशीर्वाद

Shri Laxmi Yantra: घर में बहुत से भक्त श्री लक्ष्मी यंत्र की स्थापना करने के बारे में सोचते हैं लेकिन उसका सही तरीका नहीं जानते. यहां जानिए इस यंत्र की स्थापना से जुड़े कुछ जरूरी नियम. 

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Maa Laxmi: श्री लक्ष्मी यंत्र की स्थापना से पहले कुछ बातों का ध्यान रखना है जरूरी. 

Laxmi Yantra: मां लक्ष्मी को धन की देवी कहा जाता है. मान्यतानुसार भक्त घर में सुख-समृद्धि के लिए अपनी आराध्या लक्ष्मी मां की पूजा-अर्चना (Laxmi Puja) करते हैं. इसके साथ ही, अक्सर भक्त ऐसे उपाय खोजते हैं जिनसे महालक्ष्मी को प्रसन्न किया जा सके. इन्हीं में से एक है श्री लक्ष्मी यंत्र. यह यंत्र (Shri Laxmi Yantra) खासतौर से हिंदू धर्म में इस्तेमाल किया जाता है. इसका आकार देखते हुए इसे श्री चक्र भी कहते हैं. आइए जानें, घर में श्री लक्ष्मी यंत्र की स्थापना से पहले मान्यतानुसार किन बातों का ध्यान रखना जरूरी है. 

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इस तरह रखें घर में श्री लक्ष्मी यंत्र | Placing Shri Laxmi Yantra At Home

  • माना जाता है कि घर में श्री लक्ष्मी यंत्र रखने के कई फायदे हैं. इसमें मुख्य रूप से 9 कोण होते हैं जिनमें छोटे-छोटे 45 कोण होते हैं. इसके साथ ही श्री यंत्र (Shri Yantra) में 9 चक्र होते हैं. मान्यतानुसार इन 9 चक्रों को 9 देवियों का प्रतीक कहते  हैं. जीवन में इन 9 देवियों विशेषकर मां लक्ष्मी (Maa Laxmi) की कृपा पाने के लिए और सुख-समृद्धि के वास के लिए श्री लक्ष्मी यंत्र की स्थापना की जाती है. 
  • घर में श्री लक्ष्मी यंत्र रखने से पहले कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखना भी आवश्यक है. सबसे पहली शर्त है कि जिस घर में यह यंत्र रखा जा रहा है वह साफ-सुथरा हो. 
  • जो व्यक्ति श्री लक्ष्मी यंत्र की स्थापना कर रहा है उसका मन साफ होना चाहिए. तन और मन की शुद्धता को पूजा-पाठ से जुड़े प्रसंगों में बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है. इसलिए स्नान करके और निवृत होकर ही यंत्र को छूते हैं. 
  • यंत्र की स्थापना करने से पहले उसे पंचामृत और गंगाजल से साफ किया जाता है. 
  • श्री लक्ष्मी यंत्र को ईशान कोण पर रखा जाता है. यंत्र रखने के लिए लाल कपड़े का प्रयोग करते हैं. यानी यंत्र की स्थापना लाल कपड़े के ऊपर होती है. मान्यतानुसार यंत्र की स्थापना के समय मुख उत्तर या फिर पूर्व दिशा की ओर रखना चाहिए. 
  • वहीं, मान्यता के अनुसार 'ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं नम: या ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं' मंत्र का जाप करना अच्छा मानते हैं. 

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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