Shivling puja niyam : सावन माह में शिवलिंग पर भूलकर भी नहीं चढ़ाना चाहिए ये 6 चीजें, जानिए यहां

अगर आप श्रद्धा और भक्ति के साथ पूजा कर रहे हैं, तो यह जानना आवश्यक है कि किन वस्तुओं से शिवलिंग का अभिषेक या पूजन वर्जित है, ताकि आपकी पूजा में किसी तरह का विघ्न न उत्पन्न हो.

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shivling puja ke niyam : तुलसी की पत्तियां भगवान विष्णु को बहुत प्रिय हैं, लेकिन शिव जी की पूजा में वर्जित है.

Shiv puja niyam : सावन का महीना शिव भक्तों के लिए विशेष होता है. इस पूरे महीने वो अपने प्रिय भगवान की भक्ति में डूबे रहते हैं. उनको प्रसन्न करने के लिए विधिवत पूजा अर्चना करते हैं और उपवास भी रखते हैं. साथ ही सावन माह में शिव जी की कृपा पाने के लिए रुद्राभिषेक भी किया जाता है. अगर आप श्रद्धा और भक्ति के साथ पूजा कर रहे हैं, तो यह जानना आवश्यक है कि किन वस्तुओं से शिवलिंग का अभिषेक या पूजन वर्जित है, ताकि आपकी पूजा में किसी तरह का विघ्न उत्पन्न न हो, तो चलिए बिना देर किए जानते हैं, उनके बारे में जिन्हें भगवान शिव की पूजा में भूलकर भी प्रयोग नहीं करनी चाहिए. 

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शिवलिंग पर क्या नहीं चढ़ाना चाहिए

तुलसी की पत्तियां भगवान विष्णु को बहुत प्रिय हैं, लेकिन शिव जी की पूजा में वर्जित है. क्योंकि मान्यता है एक बार देवी तुलसी ने भगवान शिव का अपमान किया था, जिसके कारण वो क्रोधित हो गए थे. तब से तुलसी शिव पूजा में निषिद्ध कर दी गई. 

हल्दी जो कि मांगलिक कार्यों में बहुत शुभ माना जाता है और सांदर्य और सौभाग्य का भी प्रतीक है, इसका उपयोग भगवान शिव की पूजा में नहीं किया जाता है. क्योंकि भोलेनाथ अघोरी साधक हैं और सांसारिक दुनिया से परे हैं. 

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वहीं, केतकी के फूल भी इनकी पूजा में नहीं चढ़ाने चाहिए. क्योंकि मान्यता है कि केतकी के फूल ने ब्रह्मा जी से झूठ छिपाने में उनकी मदद की थी. तब से ही भोलेनाथ ने केवड़े के फूल को अपनी पूजा में वर्जित कर दिया. इसलिए गलती से भी शिवलिंग पर इसको अर्पित नहीं करना चाहिए. चंपा का फूल भी शिवलिंग पर नहीं चढ़ाते हैं.

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बेलपत्र भगवान शिव को बहुत प्रिय है. लेकिन टूटा, मुरझाया या सूखा बेल पत्र महादेव को नहीं चढ़ाना चाहिए. इससे भगवान शिव रुष्ट होते हैं. इसलिए पूजा में केवल ताजे, हरे और त्रिपद बेलपत्र ही उपयोग में लाएं.

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इसके अलावा शिवलिंग को साफ कर रहे हैं तो गंगाजल और सादे जल से करिए. कभी भी डिटर्जेंट या किसी अन्य केमिकल से शिवलिंग को साफ न करें. 

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शंख का इस्तेमाल भी भगवान शिव की पूजा में न करें. क्योंकि शिवलिंग पर शंख से जल चढ़ाना शास्त्रों में वर्जित है. इससे पूजा में दोष उत्पन्न हो सकता है. अब से आप इन बातों को ख्याल में रखकर शिव जी की पूजा करिए.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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