सावन में इस तरह करें भगवान शिव की पूजा और बरतें ये सावधानियां, भोलेनाथ होंगे प्रसन्न!

Sawan 2025: सावन यानी शिवजी के पूजन का समय. माना जाता है कि इस माह में महादेव अपने भक्तों पर खूब कृपा बरसाते हैं. ऐसे में आइए जानते हैं, महादेव की पूजा का कैसे करें...

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सावन में शिवलिंग की पूजा करने से मनुष्य के सभी दुख-दर्द दूर होते हैं.

Shivling Puja In Sawan 2025 : सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित माना जाता है. हिंदू पंचांग के अनुसार, सावन यानी श्रावण मास में शिवलिंग (Sawan Me Puja Ki Vidhi) की पूजा का बहुत अधिक महत्व है. इस महीने को भगवान शिव का प्रिय महीना कहा जाता है, क्योंकि इसी दौरान समुद्र मंथन हुआ था और शिव जी ने विषपान कर संसार की रक्षा की थी. यही कारण है कि सावन में शिवलिंग की पूजा (Shivji ko kya naa Chadhayen) से विशेष फल मिलता है और हर मनोकामना पूरी होती है.

यह एकमात्र ज्योतिर्लिंग जहां हर रात महादेव और माता पार्वती आते हैं सोने, यहां की संध्या आरती में कोई नहीं होता शामिल!

सावन में शिवजी की पूजा का महत्व - Sawan Me Shivling Puja Ka Mahatav

सावन में शिवलिंग की पूजा करने से मनुष्य के सभी दुख-दर्द दूर होते हैं. ऐसा माना जाता है कि इस महीने शिव जी जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं और अपने भक्तों पर कृपा बरसाते हैं. खासतौर पर सोमवार के दिन शिवलिंग पर जल चढ़ाने से विशेष लाभ मिलता है.

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मान्यता है कि इस महीने में जो व्यक्ति सच्चे मन से शिवलिंग पर जल, दूध, बेलपत्र और धतूरा चढ़ाता है, उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. कुंडली में शनि, राहु, केतु या चंद्र दोष हो तो सावन में शिवलिंग पूजन से उसका असर भी कम होता है.

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इसके अलावा कहा जाता है कि सावन में शिवलिंग पूजा करने से व्यक्ति के घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है और वैवाहिक जीवन में प्रेम बढ़ता है. कुंवारी कन्याएं भी सावन में शिवलिंग पूजन और व्रत करती हैं, ताकि उन्हें मनचाहा वर मिल सके.

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सावन में शिवलिंग पूजा की विधि - Method of Shivling worship in Sawan -

अब जानते हैं कि सावन में शिवलिंग की पूजा कैसे करनी चाहिए. पूजा की विधि बहुत आसान है, बस सच्चे मन और श्रद्धा से पूजा करना जरूरी है.

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1. स्नान करके स्वच्छ वस्त्र पहनें

सावन के महीने में सुबह जल्दी उठकर स्नान करें. स्नान के बाद साफ-सुथरे वस्त्र पहनें. अगर आप सोमवार का व्रत रख रहे हैं तो व्रत का संकल्प भी लें.

2. शिवलिंग पर जल और दूध चढ़ाएं

सबसे पहले शिवलिंग पर गंगा जल चढ़ाएं. गंगा जल न हो तो साफ पानी भी इस्तेमाल कर सकते हैं. इसके बाद दूध, शहद, दही, घी और शक्कर से शिवलिंग का अभिषेक करें. इन सभी चीजों को मिलाकर पंचामृत बनता है, जो बहुत शुभ माना जाता है.

3. बेलपत्र अर्पित करें

शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाना बहुत ही पुण्यकारी माना जाता है. ध्यान रखें कि बेलपत्र ताजे हों और उस पर चंद्र (त्रिपत्री) बना हो. बेलपत्र शिव जी को अत्यंत प्रिय है.

4. धतूरा और भांग चढ़ाएं

शिवलिंग पर धतूरा, भांग और आक का फूल चढ़ाना भी शुभ माना जाता है. यह चीजें भगवान शिव को बहुत पसंद हैं.

5. फूल और फल चढ़ाएं

शिवलिंग पर सफेद फूल, खासकर कनेर, चमेली या मदार के फूल चढ़ाएं. साथ ही फल भी अर्पित करें.

6. दीपक और धूप जलाएं

शिवलिंग के सामने दीपक और धूप जलाएं. दीपक में गाय का घी या तिल का तेल डाल सकते हैं.

7. मंत्र जाप करें

शिव जी के मंत्र का जाप करें. सबसे सरल मंत्र है - 

‘ॐ नमः शिवाय' इस मंत्र का कम से कम 108 बार जाप करें. आप महामृत्युंजय मंत्र का भी जाप कर सकते हैं.

8. आरती करें

पूजा के अंत में शिव जी की आरती करें और भोग लगाएं. भोग में मावे की मिठाई, फल या सूखे मेवे रख सकते हैं.

9. व्रत का पालन करें

यदि आप व्रत रख रहे हैं तो पूरे दिन फलाहार करें और शिव जी का स्मरण करते रहें.

ये रखें सावधानी

•    शिवलिंग पर तुलसी के पत्ते कभी न चढ़ाएं.
•    पूजा के समय मन में क्रोध, लोभ या किसी के प्रति द्वेष न रखें.
•    बेलपत्र को उल्टा नहीं चढ़ाएं.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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