Shardiya Navratri Nine Forms Of Maa Durga: आश्विन माह में मनाई जाने वाली शारदीय नवरात्रि 15 अक्टूबर से शुरू हो गई है. नवरात्रि ( Navratri) में मां दुर्गा के नौ अलग-अलग रूपों की पूजा होती है. हर दिन माता के खास रूप की पूजा का विधान है. शारदीय नवरात्र के पहले दिन जहां मां शैलपुत्री (Shailputri) की विधि-विधान से आराधना की जाती है तो नौंवे दिन मां सिद्धिदात्री (Siddhidatri) की पूजा होती है. तो आइए जानते हैं मां दुर्गा (Godess Durga) के नौ रूपों की विशेषता.
मां दुर्गा के नौ रूप | Significance of Maa durga nine form
नवरात्रि के प्रथम दिन माता के शैलपुत्री रूप की पूजा होती है. माता को हिमालय की पुत्री होने के कारण देवी के इस रूप को शैलपुत्री कहा गया है.
ब्रह्मचारिणी
नवरात्रि के दूसरे दिन माता के ब्रह्मचारिणी रूप की पूजा होती है. ब्रह्म का अर्थ कठोर तपस्या से है. भगवान शिव को पति के रूप में प्राप्त करने के लिए देवी ने कठोर तपस्या की थी, इसलिए माता के इस रूप को ब्रह्मचारिणी कहा गया है.
चंद्रघंटा
नवरात्रि के तीसरे दिन माता चंद्रघंटा रूप की पूजा होती है. देवी के इस रूप में उनके मस्तक पर चंद्र आकार का तिलक होता है इसलिए उनके इस रूप को चंद्रघंटा कहा गया है.
कुष्मांडा
नवरात्रि के चौथे दिन माता के कुष्मांडा रूप की पूजा होती है. माता में ब्रह्मांड को उत्पन्न करने की शक्ति है और वे अपने भीतर ब्रह्मांड को समेटे हुए हैं. इसलिए देवी के इस रूप को कुष्मांडा कहा गया है.
स्कंदमाता
नवरात्रि के पांचवें दिन माता के स्कंदमाता रूप की पूजा होती है. देवी कार्तिकेय की माता है और कार्तिकेय का एक नाम स्कंद है. इसलिए देवी के इस रूप को स्कंदमाता कहा गया है.
कात्यायनी
नवरात्रि के छठे दिन माता के कात्यायनी रूप की पूजा होती है. महिषासुर के संहार के लिए तीनों देवों ब्रह्मा, विष्णु और महेश ने अपने तेज से देवी के इस रूप को उत्पन्न किया था. इस रूप की सबसे पहले महर्षि कात्यायन ने पूजा की थी इसलिए इसको कात्यायनी कहा गया.
कालरात्रि
नवरात्रि के सातवें दिन देवी के कालरात्रि रूप की पूजा होती है. काल का अर्थ संकट है. इस रूप में देवी शक्ति का प्रतीक हैं जो राक्षसों का संहार करती हैं.
सिद्धिदात्री
नवरात्रि के नवें दिन देवी के सिद्धिदात्री रूप की पूजा होती है. देवी का यह रूप भक्तों को सिद्धियां प्रदान करने वाला है. इसलिए इस रूप को सिद्धिदात्री कहा गया.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)