Shani Pradosh vrat 2024 : साल के आखिरी प्रदोष व्रत की ऐसे करें पूजा, शनि देव और भोलेनाथ का बना रहेगा आशीर्वाद

Significance of Shani Pradosh vrat : शनि प्रदोष व्रत 2024 का यह अवसर विशेष रूप से शनि और भगवान शिव से आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए है.

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इस दिन की पूजा से शनि के कष्ट समाप्त होते हैं और व्यक्ति को मानसिक, शारीरिक और आर्थिक सुख की प्राप्ति होती है.

Pradosh vrat 2024 : साल के आखिरी प्रदोष शनिवार को पड़ रहा है. ऐसे में इसे शनि प्रदोष व्रत के नाम से जाना जाएगा. इस दिन आप भोलेनाथ के साथ शनि देव की भी पूजा अर्चना कर सकते हैं. जिनकी कुंडली में शनि की साढ़े साती या ढैय्या है उन्हें तो विशेष रूप से शनि प्रदोष का व्रत करना चाहिए. इसके अलावा जो लोग संतान की प्राप्ति या सुख शांति चाहते हैं उनके लिए भी प्रदोष व्रत बहुत उत्तम है. ऐसे में पौष महीने की कृष्ण पक्ष  की त्रयोदशी तिथि पर पड़ने वाले साल के अंतिम प्रदोष व्रत की तिथि पूजा मुहूर्त और विधि क्या है आइए आपको आगे आर्टिकल में विस्तार से बताते हैं...

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साल 2024 का आखिरी शनि प्रदोष व्रत (Shani pradosh vrat 2024) कब है 

28 दिसंबर को साल का आखिरी प्रदोष व्रत रखा जाएगा. 

शनि प्रदोष व्रत मुहूर्त 2024 - Shani pradosh vrat muhurat

साल के अंतिम प्रदोष व्रत का मुहूर्त 28 दिसंबर को रात 2 बजकर 26 मिनट से शुरू होगा, जो अगले दिन यानी 29 दिसंबर को 2024 को सुबह 3 बजकर 32 मिनट पर समाप्त होगा. 

प्रदोष व्रत की पूजा मुहूर्त - Pradosh vrat puja muhurat 2024

शनि प्रदोष व्रत की पूजा का उत्तम समय 5 बजकर 33 मिनट से 8 बजकर 17 मिनट तक रहेगा. यानी कुल 2 घंटे 44 मिनट की अवधि है.

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कैसे करें शनि प्रदोष व्रत की पूजा - Kaise karen shani Pradosh vrat ki puja

  • इस दिन व्रति को ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करना चाहिए. इसके बाद भगवान शिव और शनि देव का ध्यान करके व्रत का संकल्प लें. 
  • पूजा के लिए सबसे पहले घर के पूजा स्थल को साफ करें और वहां शिव और शनि देव की मूर्ति या चित्र रखें.
  • फिर शनि देव के चित्र के पास तेल का दीपक रखें और भगवान शिव के पास दूध, जल, फूल, बेल पत्र आदि अर्पित करें.
  • प्रदोष व्रत का समापन रात को करना चाहिए. रात को शिव और शनि देव की पूजा करके व्रत को समाप्त करें और प्रसाद वितरण करें.

शनि प्रदोष व्रत का महत्व -  Significance of Shani Pradosh vrat

शनि प्रदोष व्रत 2024 का यह अवसर विशेष रूप से शनि और भगवान शिव से आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए है. इस दिन की पूजा से शनि के कष्ट समाप्त होते हैं और व्यक्ति को मानसिक, शारीरिक और आर्थिक सुख की प्राप्ति होती है. साथ ही, भगवान शिव की उपासना से हर संकट दूर होता है.

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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