Shami Plant: हिंदू धर्म में प्रकृति को भी भगवान का प्रतीक माना गया है. मान्यता है कि कुछ पेड़-पौधे में देवताओं का वास होता है. यही कारण है कि पीपल से लेकर तुलसी और शमी की पूजा (Shami Puja) होती है. ज्योतिष शास्त्र (Astrology) के अनुसार, भगवान शिव, गणपति और शनि देव की प्रसन्न करने के लिए शमी के पेड़ बेहद खास होता है. मान्यतानुसार शमी की पूजा करने से भोलेनाथ, भगवान गणेश और शनि देव प्रसन्न होते हैं. आइए ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जानते हैं शमी पेड़ के बारे में.
शमी का महत्व | Importance of Shami Plant
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, शमी का पेड़ भगवान शिव का प्रतीक है. ऐसे में शमी पेड़ की पूजा करने से शिवजी की कृपा प्राप्त की जा सकती है. ज्योतिष शास्त्र के जानकारों का मानना है कि चूंकि भगवान शिव गणपति के पति और शनि देव के गुरु हैं. इसलिए शमी की पूजा से गणेश और शनि देव भी प्रसन्न होते हैं.
भगवान श्रीराम ने भी की थी शमी की पूजा
पुराणों में भी शमी के पेड़ का वर्णन किया गया है. पौराणिक कथा के अनुसार, भगवान श्रीराम ने लंका पर विजय प्राप्त करने के लिए भगवान शिव की उपासना का साथ-साथ शमी का भी पूजन किया. इसके अलावा नवरात्रि में मां दुर्गा और विजयदशमी की पूजा में शमी की पूजा का जिक्र कई ग्रंथों में किया गया है.
घर में कहा लगाएं शमी
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, शमी के पेड़ को घर में भी लगाया जा सकता है. यह पीपल या बरगद की तरह निषेध नहीं है. घर में इसे किसी शनिवार या विजयादशमी के दिन लगाय जा सकता है. शमी के पेड़ को घर के पूर्व-उत्तर की दिशा में लगाना शुभ होता है. जो कि वास्तु सम्मत भी है.
शनि की पीड़ा से मुक्ति दिलाता है शमी | Shami For Shani Dosha
शमी-पेड़ लगाने के कई फायदे हैं. शिव पुराण के मुताबिक शिवलिंग पर शमी के पत्ते अर्पित करने से भगवान शिव प्रसन्न होकर भक्तों की इच्छा पूरी करते हैं. इसके साथ ही भगवान गणेश, शनि देव, मां दुर्गा सहित सभी देवी-देवता प्रसन्न होकर घर में सुख-समृदधि प्रदान करते हैं.
कैसे करें शमी की पूजा | How to Worship Shami Plant
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, शमी के पेड़ में नियमित जल अर्पित करना शुभ होता है. इसके साथ इसके आगे दीपक जलाएं और रोजाना कम से कम एक पत्ती भगवान शिव को अर्पित करें. बिना स्नान किए या रात में इसका स्पर्श नहीं करना चाहिए.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)