Sawan Somvar Puja: सावन के तीसरे सोमवार को कैसे करें शिवजी की पूजा, जानें मंत्र से लेकर आरती तक की पूरी विधि

Sawan Somvar Puja: सावन की तीसरा सोमवार 1 अगस्त को पड़ रहा है. इस दिन शिव और रवि योग बने रहे हैं. ऐेसे में जानते हैं कि सावन सोमवार पर भगवान शिव की पूजा किस प्रकार करें.

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Sawan Somvar Puja: सावन के तीसरे सोमवार पर शिव जी की पूजा के लिए खास संयोग बन रहे हैं.

Sawan Third Somvar Puja: सावन मास का तीसरा सोमवार आज है. सावन (Sawan) का महीना शिवजी की उपासना के लिए सर्वोत्तम माना गया है. इसके साथ ही इस पवित्र महीना के सोमवार (Sawan Somvar) को भगवान शिव (Lord Shiva) की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है. माना जाता है कि सावन सोमवार (Sawan Somvar) के दिन की गई भोलेनाथ की पूजा कभी व्यर्थ नहीं जाती. इसलिए शिवजी के भक्तों को सावन सोमवार का इंतजार रहता है. सावन मास का तीसरा सोमवार, 01 अगस्त 2022 को पड़ने वाला है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सावन का तीसरा सोमवार (Sawan Third Somvar) भगावन शिव और गणपति की पूजा के लिए खास है. दरअसल इस दिन शिव और रवि योग के अलावा विनायक चतुर्थी का खास संयोग बन रहा है. आइए जानते हैं कि सावन के तीसरे सोमवार पर कौन-कौन से शुभ संयोग बन रहे हैं और इस दिन भगवान शिव की पूजा किस प्रकार करें कि शिव जी की कृपा बरसेगी.

सावन के तीसरे सोमवार पर बन रहे हैं ये शुभ योग

ज्योतिष के अनुसार, सावन के तीसरे सोमवार (Sawan Third Somvar) पर कुछ खास योग बन रहे हैं. दरअसल सावन के तीसरे सोमवार पर शिव योग और रवि योग का विशेष संयोग बन रहा है. इसके अलावा इस दिन विनायक चतुर्थी का भी खास संयोग बन रहा है. इस वजह से सावन का तीसरा सोमवार भगवान शिव और गणपति की पूजा के लिए खास है.

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सावन सोमवार पूजा विधि | Sawan Third Somvar Puja Vidhi

-सावन के तीसरे सोमवार के दिन सुबह स्नान के बाद सूर्य को जल अर्पित करें, क्योंकि इस दिन रवि योग का खास संयोग है. इसके बाद सावन सोमवार व्रत और शिवजी की पूजा का संकल्प लें.

-सुबह शुभ मुहूर्त में किसी शिव मंदिर में जाकर या घर ही शिवलिंग की विधिवत पूजा करें.

-सबसे पहले गंगाजल से शिवजी का अभिषेक करें. शिवलिंग का अभिषेक गंगाजल या गाय के कच्चे दूध से भी कर सकते हैं. इसके अलावा गन्ने के रस से भी शिवलिंग का अभिषेक किया जा सकता है.

-शिवलिंग का जल, गंगाजल, दूध या गन्ने के रस से अभिषेक करने के बाद शिव जी को चंदन, अक्षत, सफेद फूल, बेलपत्र, भांग की पत्तियां, शमी के पत्ते, धतूरा, भस्म और फूलों की माला अर्पित करें. इसके साथ ही भगवान शिव को शहद, फल, मिठाई, शक्कर, धूप-दीप अर्पित करें.


-भगवान शिव का अभिषेक करने के बाद शिव चालीसा का पाठ और सोमवार व्रत कथा का पाठ करें. पूजन के अंत में शिवलिंग के समक्ष घी का दीपक जलाएं और भोलनाथ की आरती करें.

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शिव पूजा का मंत्र | Shiv Puja Mantra

1. ओम् नमः शिवाय

2. नागेंद्रहाराय त्रिलोचनाय भस्मांग रागाय महेश्वराय
नित्याय शुद्धाय दिगंबराय तस्मै न काराय नम: शिवाय

3. श्रवणनयनजं वा मानसं वापराधम्
विहितमविहितं वा सर्वमेतत्क्षमस्व
जय-जय करुणाब्धे श्री महादेव शम्भो

शिवजी की आरती ॐ जय शिव ओंकारा | Om Jai Shiv Omkara Lord Shiva Aarti

जय शिव ओंकारा, ॐ जय शिव ओंकारा
ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव, अर्द्धांगी धारा
ॐ जय शिव ओंकारा

एकानन चतुरानन पंचानन राजे
हंसासन गरूड़ासन वृषवाहन साजे
ॐ जय शिव ओंकारा

दो भुज चार चतुर्भुज दसभुज अति सोहे
त्रिगुण रूप निरखते त्रिभुवन जन मोहे
ॐ जय शिव ओंकारा

अक्षमाला वनमाला मुण्डमाला धारी
त्रिपुरारी कंसारी कर माला धारी
ॐ जय शिव ओंकारा

ॐ जय शिव ओंकारा
सुखकारी दुखहारी जगपालन कारी
कर के मध्य कमंडलु चक्र त्रिशूलधारी

ॐ जय शिव ओंकारा
सनकादिक गरुणादिक भूतादिक संगे 
श्वेतांबर पीतांबर बाघंबर अंगे

ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका
प्रणवाक्षर में शोभित ये तीनों एका
ॐ जय शिव ओंकारा

लक्ष्मी व सावित्री पार्वती संगा
पार्वती अर्द्धांगी, शिवलहरी गंगा
ॐ जय शिव ओंकारा

त्रिगुणस्वामी जी की आरती जो कोइ नर गावे
कहत शिवानंद स्वामी सुख संपति पावे
ॐ जय शिव ओंकारा

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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