Sawan ka aakhiri Somwar 2025: सावन के जिस पवित्र महीने में शिव साधना सबसे ज्यादा शुभ मानी गई है, उसके सोमवार वाले दिन की पूजा कई गुना फलदायी हो जाती है. हिंदू मान्यता के अनुसार श्रावण मास और सोमवार के सुखद संयोग पर यदि कोई भोले का भक्त विधि-विधान से शिव पूजन करता है तो उसके जीवन से जुड़े सभी कष्ट दूर और कामनाएं शीघ्र ही पूरी होती हैं. ज्योतिष के अनुसार इस दिन किया जाने वाला पूजन न सिर्फ महादेव का बल्कि चंद्र देवता का आशीर्वाद भी दिलाता है. आइए आज सावन के आखिरी सोमवार की पूजा की विधि, मंत्र और महाउपाय जानते हैं.
सावन सोमवार की पूजा की सरल विधि
हिंदू धर्म में भगवान शंकर एक ऐसे देवता हैं, जिनकी पूजा बेहद सरल और सुगम है. उनके लिए 56 तरह के भोगों और साज-श्रृंगार की सामग्री की आवश्यकता नहीं पड़ती है. शिव सिर्फ जल और बेल के पत्ते चढ़ाने मात्र से प्रसन्न होकर अपने भक्तों को मनचाहा वरदान दे देते हैं. यही कारण है कि उन्हें भोलेनाथ कहते हैं. आज महादेव को मनाने के लिए यदि आप स्नान-ध्यान करने के बाद सिर्फ एक लोटा पवित्र जल और बेलपत्र या फिर शमीपत्र भी चढ़ाते हैं तो आपकी पूजा सफल होगी, लेकिन यदि आपके पास शिव पूजन की सभी सामग्री उपलब्ध हो तो आप पूरे विधि-विधान से चंदन, बेलपत्र, भांग, धतूरा, अक्षत, भस्म, फल, फूल आदि से उनकी पूजा करें.
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महादेव की पूजा का महामंत्र
हिंदू मान्यता के अनुसार किसी भी देवता को मनाने के लिए मंत्र जप अत्यधिक प्रभावी माना गया है. ऐसे में आज यदि आप भगवान शिव की पूजा करने जा रहे हैं तो उनके पंचाक्षरी मंत्र 'ॐ नमः शिवाय' का जप अवश्य करें. इसके अलावा यदि आप किसी बड़ी पीड़ा से गुजर रहे हैं तो आप आज सावन के आखिरी सोमवार के दिन 'ॐ साम्ब सदाशिवाय नम:' मंत्र का जप करके उससे मुक्ति का महावरदान महादेव से पा सकते हैं.
इस पवित्र पत्ते को चढ़ाने से दूर होंगे तीन जन्मों के पाप
हिंदू मान्यता के अनुसार भगवान शिव को बेलपत्र बहुत ज्यादा प्रिय है. बेलपत्र के तीन पत्ते का न बहुत ज्यादा धार्मिक महत्व माना गया है. मान्यता है कि यदि कोई व्यक्ति बेलपत्र का पत्ता शिव पूजन में चढ़ता है तो महादेव उसके तीन जन्मों के पाप हर लेते हैं.
सावन के सोमवार पर करें चंद्र देवता का उपाय
यदि आप चाहते हैं कि आज शिव की पूजा के साथ आपको चंद्र देवता का भी आशीर्वाद मिले और कुंडली में स्थित उससे जुड़े सभी दोष दूर हो जाएं तो आपको आज भगवान शिव की पूजा सफेद चंदन का तिलक अर्पित करके करनी चाहिए. ज्योतिष के अनुसार मन का कारक माने जाने वाला चंद्रमा इस पूजा से प्रसन्न होकर शुभ फल प्रदान करता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)