Hariyali amavasya 2023 : 4 जुलाई से शुरू हुए सावन का आज पहला सोमवार का व्रत है. आज शिव मंदिरों में भक्तों की लंबी कतार भोलेनाथ के दर्शन के लिए लगी हुई. उज्जैन का महाकाल मंदिर हो या फिर काशी का विश्वनाथ मंदिर सुबह से ही बाबा का दरबार जयकारों से गूंज उठा है. इस बार सावन का खास महत्व है क्योंकि अधिकमास पड़ रहा जिसके चलते 4 नहीं बल्कि 8 सोमवार व्रत रखे जाएंगे. इसके अलावा इस महीने में हरियाली अमावस्या भी होती है जिसका भी हिंदू धर्म में विशेष महत्व है. इस दिन पितरों का तर्पण और दान पूण्य करने का विधान है. ऐसे में आइए जानते हैं इस बार हरियाली अमावस्या कब पड़ रही है.
हरियाली अमावस्या कब है
इस बार हरियाली अमावस्या 16 जुलाई 2023 को रात 10 बजकर 08 मिनट से शुरू होगी जो 17 जुलाई 2023 को प्रात:12 बजकर 01 मिनट पर समाप्त होगी. ऐसे में उदयातिथि के अनुसार हरियाली अमावस्या 17 जुलाई को मान्य होगी.
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हरियाली अमावस्या (Hariyali Amavasya 2022) के दिन दान करने से पितर खुश होते हैं. माना जाता है कि पितरों के प्रसन्न होने पर घर में खुशहाली आती है. चूंकि अमावस्या पितरों को समर्पित माना जाता है, इसलिए इस दिन मछलियों को आटे की गोलियां खिलाना शुभ होता है.
इस दिन नदी में काला तिल प्रवाहित करना शुभ होता है. इसके अलावा इस दिन पितरों का स्मरण करके किसी पात्र में जल लेकर उसमें काले तिल, चीनी, चावल और फूल डालें और पीपल के पेड़ को अर्पित करें.
ज्योतिष शास्त्र की मान्यता के अनुसार, इस दिन नीम का पौधा लगाने से सेहत अच्छी रहती है. संतान सुख की प्राप्ति के लिए केले का पौधा लगाना अच्छा रहता है. साथ ही सुख-समृद्धि की प्राप्ति के लिए तुलसी का पौधा लगाना शुभ माना गया है. वहीं मां लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए आंवले का पौधा लगाना उत्तम होता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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