What to do on Pradosh Vrat: शिव की पूजा के लिए रखे जाने वाले प्रदोष व्रत का बहुत ज्यादा महत्व माना गया है. देवों के देव महादेव के इस व्रत का महत्व तब और बढ़ जाता है, जब यह श्रावण मास में पड़ता है. हिंदू मान्यता के अनुसार सावन महीने का प्रदोष व्रत अगर बुधवार के दिन पड़ जाता है तो यह बुध प्रदोष व्रत कहलाता है और इस व्रत को करने पर साधक को करियर-कारोबार आदि में विशेष लाभ होता है लेकिन यदि आज का यह व्रत किन्हीं कारणों से टूट जाए तो शिव के भक्त को उसके प्रायश्चित के लिए क्या करना चाहिए, आइए इसे विस्तार से जानते हैं.
प्रदोष व्रत टूट जाने पर क्या करें (Pradosh vrat tut jaye to kya kare)
आज सावन महीने का आखिरी प्रदोष व्रत है. ऐसे में हर शिव भक्त तमाम तरह की पूजा, जप-तप और व्रत के जरिए उन्हें प्रसन्न करने का प्रयास करता है. लेकिन यदि आज भूलवश इस व्रत से जुड़ी कोई गलती आपसे हो जाए या फिर किन्हीं कारणों के चलते आपका यह व्रत खंडित हो जाए तो आपको बिल्कुल निराश होने की आवश्यकता नहीं है. आप नीचे बताए गये उपायों को करके भूल से हुई गलती का प्रायश्चित और उसके अशुभ प्रभाव को दूर कर सकते हैं.
- यदि आज गलती से भगवान शिव का व्रत टूट जाए तो आपको सबसे पहले स्नान करके तन और मन से पवित्र होकर शिव का ध्यान करना चाहिए.
- व्रत टूट जाने पर शिव के साधक को भगवान शिव की विधि-विधान से दोबारा पूजा करके इस गलती के लिए क्षमा प्रार्थना करनी चाहिए.
- भूलवश व्रत टूट जाने के बाद भी आप व्रत से जुड़ी प्रक्रिया को जारी रखें और उसके नियमों का पूरी तरह से पालन करें.
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- सोमवार का व्रत प्राय: 16 की संख्या में रखा जाता है. ऐसे में यदि सावन महीने का प्रदोष व्रत टूट जाए तो आज शिव पूजा करने के बाद आने वाले समय में एक और व्रत करने का संकल्प करना चाहिए. ऐसा करके आप 16 सोमवार व्रत के संकल्प को पूरा कर सकते हैं.
- सावन सोमवार के अलावा किसी भी अन्य व्रत के टूट जाने पर उसके दोष से बचने और प्रायश्चित करने के लिए दान को एक उत्तम उपाय माना गया है. ऐसे में यदि किसी कारणवश बुध प्रदोष व्रत टूट गया है तो आपको किसी जरूरत मंद व्यक्ति को अन्न, वस्त्र और धन का दान करना चाहिए.
- हिदू मान्यता के अनुसार महादेव को प्रसन्न करने के लिए मंत्र जप अत्यंत ही शुभ माना गया है. ऐसे में आज अगर आपका व्रत गलती से खंडित हो जाए तो अपनी श्रद्धा और विश्वास से जुड़ा शिव के किसी भी मंत्र का रुद्राक्ष की माला से जप करें.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)