Sarva Pitru Amavasya पर इस तरह करें पितरों का श्राद्ध, ये रही तर्पण विधि

Pind daan : इस दिन आप जिन पितृ की मृत्यु की तिथि नहीं जानते हैं उनका श्राद्ध करते हैं. यहां तक कि इस दिन पिंडदान भी कर सकते हैं. वहीं, इस दिन वो लोग भी श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान करते हैं, जो पूरे पितर पक्ष समय के अभाव के कारण नहीं कर पाते हैं. 

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Sarva Pitru Amavasya 2022 : आज पितृ पक्ष का अंतिम दिन है. आज पितरों की विदाई की जाती है. पितृ पक्ष का (Pitru paksha 2022) अंतिम दिन सर्व पितृ अमावस्या (Pitru Amavasya) के नाम से जाना जाता है. इस दिन आप जिन पितृ की मृत्यु की तिथि नहीं जानते हैं उनका श्राद्ध करते हैं. यहां तक कि इस दिन पिंडदान भी कर सकते हैं. वहीं, इस दिन वो लोग भी श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान करते हैं, जो पूरे पितर पक्ष समय के अभाव के कारण नहीं कर पाते हैं. 

श्राद्ध और तर्पण विधि | shradh and tarpan vidhi

- श्राद्ध आपको काला तिल, जौ कुश आदि से मंत्रोच्चारण विधि से करते हैं. इस दौरान आप अपने भूले-बिसरे पितरों का स्मरण करते हैं. 

- सर्वपितृ अमावस्या (sarvpitru amavasya) के दिन किसी बर्तन में जल, दूध, काला तिल, शहद और जौ मिलाकर पीपल के पेड़ में चढ़ाएं. ऐसा करने के बाद वहां सफेद मिठाई, एक नारियल, कुछ सिक्के और जनेऊ भी अर्पित करें. 

- मान्यता है कि ऐसा करने से पितर देव (pitru dev) अति प्रसन्न होते हैं. इसके बाद “ॐ सर्वपितृ देवताभ्यो नमः” मंत्र का जाप करते हुए पीपल की परिक्रमा करें. साथ ही मन ही मन पितृ देव से प्रर्थना करें.

- पितर पक्ष के महीने में दान पूण्य करने का विशेष महत्व होता है.जल में काला तिल मिलाकर तर्पण करने से पितरों को आशीर्वाद मिलता है. इससे जीवन की सभी बाधाओं से मुक्ति मिल जाती है. 

- पितर पक्ष के महीने में जरूरत मंद ब्राह्मणों को धोती, कुर्ता, गमछा दान करना भी शुभ होता है. इस दौरान, जूत, चप्पल, छाता दान करना चाहिए.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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