sankashti chaturthi 2021 : जानें कब है संकष्टी चतुर्थी, इसका महत्व, शुभ मुहूर्त और पूजन विधि

sankashti chaturthi 2021 : मान्‍यता है कि इस दिन व्रत रखने और भगवान गणेश की पूजा पूरे विधि विधान से करने पर घर में सुख सुख-समृद्दि आती है और हर कामना पूर्ण होती है.

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sankashti chaturthi 2021 : पूरे वर्ष में संकष्टी के 13 व्रत रखे जाते हैं और सभी संकष्टी व्रतों का अपना विशेष महत्‍व है.
नई द‍िल्‍ली:

Vighanraj Sankashti 2021 : हाल में 19 सितंबर को अनंत चतुर्थी का समापन हुआ है. अब 24 सितंबर को भगवान गणेश का एक ओर पर्व आने वाला है. अश्विन मास में कृष्ण पक्ष की संकष्‍टी चतुर्थी का पर्व गणेश भगवान की अराधना के साथ मनाया जाता है. यह चतुर्थी भगवान गणेश को समर्पित है और इस दिन व्रत रखकर भगवान गणेश की अराधना की जाती है. मान्‍यता है कि इस दिन व्रत रखने और भगवान गणेश की पूजा पूरे विधि विधान से करने पर घर में सुख सुख-समृद्दि आती है और हर कामना पूर्ण होती है.

ये है संकष्टी चतुर्थी का शुभ मुहुर्त

24 सितंबर को अश्विन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी 24 सितंबर के दिन यानि शुक्रवार को प्रात: 08 बजकर 29 मिनट पर शुरू होगा. वहीं, इसका समापन 25 सितंबर के दिन शनिवार को प्रात: 10 बजकर 36 मिनट पर होगा. भक्‍त इ​स दिन राहुकाल का ध्यान रखकर गणेश की पूजा अर्चना करें. दरअसल राहुकाल 24 सितंबर को दिन में 10 बजकर 42 मिनट से दोपहर 12 बजकर 13 मिनट तक रहेगा.

घर में आती है सकरात्‍मक ऊर्जा

माना गया है कि संकष्टी चतुर्थी पर पूजा करने से घर में सकरात्‍मक ऊर्जा का आती है. शांति का वास होता है घर में. वहीं, चंद्रमा के दर्शन करना बेहद ही शुभ माने गए हैं. व्रत रखने के बात शाम में चंद्रमा के दर्शन करने बाद अर्घ्य दिया जाता है और व्रत खोला जाता है. वैसे, पूरे वर्ष में संकष्टी के 13 व्रत रखे जाते हैं और सभी संकष्टी व्रतों का अपना विशेष महत्‍व है. भक्‍त संकष्टी चतुर्थी पर पूरे दिन विधि-विधान से पूजा पाठ करने के साथ ही व्रत भी रखते हैं. चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की सुनी जाती है. कथा के सुने बिना कहा जाता है कि व्रत पूर्ण नहीं माना जाता है. विधिवत व्रत रखने और पूजा करने से भगवान गणेश खुश होते हैं और भक्‍त की सारी इच्‍छा पूर्ण करते हैं.

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