Rishi Panchami mantra : आज ऋषि पंचमी व्रत है. यह भाद्रपद महीने में शुक्ल पक्ष के पांचवें दिन (पंचमी तिथि) को मनाया जाता है. यह दिन आम तौर पर गणेश चतुर्थी और हरतालिका तीज के दो दिन बाद आता है. महिलाओं के लिए इस व्रत का खास महत्व है. इस दिन सप्त ऋषियों (sapt rishi)की पूजा की जाती है और जाने अनजाने में हुई गलतियों की क्षमा प्रार्थना मांगी जाती है. ऐसे में आइए जानते हैं ऋषि पंचमी पूजा मुहूर्त, मंत्र और (mantra and arti) आरती.
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ऋषि पंचमी पूजा मुहूर्त - सुबह 11 बजकर 3 मिनट से दोपहर 1 बजकर 34 मिनट तक
ऋषि पंचमी पूजा मंत्र - Rishi Panchami Puja Mantraकश्यपोत्रिर्भरद्वाजो विश्वामित्रोय गौतम:। जमदग्निर्वसिष्ठश्च सप्तैते ऋषय: स्मृता:।।
गृह्णन्त्वर्ध्य मया दत्तं तुष्टा भवत मे सदा।
श्री हरि हर गुरु गणपति , सबहु धरि ध्यान।
मुनि मंडल श्रृंगार युक्त, श्री गौतम करहुँ बखान।।
ॐ जय गौतम त्राता , स्वामी जी गौतम त्राता ।
ऋषिवर पूज्य हमारे ,मुद मंगल दाता।। ॐ जय।।
द्विज कुल कमल दिवाकर , परम् न्याय कारी।
जग कल्याण करन हित, न्याय रच्यौ भारी।। ॐ जय।।
पिप्लाद सूत शिष्य आपके, सब आदर्श भये।
वेद शास्त्र दर्शन में, पूर्ण कुशल हुए।।ॐ जय।।
गुर्जर करण नरेश विनय पर तुम पुष्कर आये ।
सभी शिष्य सुतगण को, अपने संग लाये।।ॐ जय।।
अनावृष्टि के कारण संकट आन पड्यो ।
भगवान आप दया करी, सबको कष्ट हरयो।।ॐ जय।।
पुत्र प्राप्ति हेतु , भूप के यज्ञ कियो।
यज्ञ देव के आशीष से , सुत को जन्म भयो।।ॐ जय।।
भूप मनोरथ पूर्ण करके , चिंता दूर करी।
प्रेतराज पामर की , निर्मल देह करी।।ॐ जय।।
ऋषिवर अक्षपाद की आरती ,जो कोई नर गावे।
ऋषि की पूर्ण कृपा से , मनोवांछित फल पावे ।।ॐ जय।।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)