29 या 30 मार्च, किस दिन मनाई जाएगी रंग पंचमी, जानें सही तारीख, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

Rang Panchami Date: होली के 5 दिन बाद यानी कि चैत्र माह के कृष्ण पक्ष में की पंचमी को मनाया जाता है. कहते हैं रंग पंचमी के दिन भगवान श्री कृष्ण और राधा रानी ने एक साथ होली खेली थी और इसी दिन सभी देवी-देवता पृथ्वी लोक पर आए थे.

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Rang Panchami 2024 Date: रंगपंचमी पर देवी-देवताओं को लगाया जाता है रंग.

Rang Panchami 2024: रंगों का त्योहार होली हाल ही में 25 मार्च 2024 को मनाया गया था. इसके बाद कृष्ण भक्त और पूरी दुनिया रंग पंचमी का इंतजार कर रही है जो होली के 5 दिन बाद यानी कि चैत्र माह के कृष्ण पक्ष में की पंचमी को मनाया जाता है. कहते हैं रंग पंचमी के दिन भगवान श्री कृष्ण (Lord Krishna) और राधा रानी ने एक साथ होली खेली थी और इसी दिन सभी देवी-देवता पृथ्वी लोक पर आए थे. ऐसे में राधा कृष्ण के अलावा देवी देवताओं पर अबीर-गुलाल अर्पित किया जाए, तो वो प्रसन्न होकर अपनी कृपा हमेशा बनाए रखते हैं. तो चलिए आज जानते हैं रंग पंचमी का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व.

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कब मनाई जाएगी रंग पंचमी | Rang Panchami Date 

रंग पंचमी का त्योहार चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है, जो इस बार 29 मार्च रात 8:20 पर शुरू हो रहा है. वहीं, इसका समापन 30 मार्च को रात 9:13 पर होगा. ऐसे में उदयातिथि के अनुसार इस साल रंग पंचमी का त्योहार 30 मार्च, शनिवार को मनाया जाएगा. रंग पंचमी के दिन सुबह सबसे पहले उठकर देवी देवताओं को गुलाल और अबीर अर्पित करना चाहिए. मान्यताओं के अनुसार, इस दिन राधा कृष्ण (Radha Krishna) को गुलाल और अबीर अर्पित करने से घर में पॉजिटिविटी आती है और सुख-समृद्धि और खुशहाली रहती है.

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रंग पंचमी की पूजा विधि

अगर आप रंग पंचमी पर विधि-विधान से पूजा अर्चना करना चाहते हैं तो पूजन सामग्री में अक्षत, कुमकुम, चंदन, फल, फूल, पंचामृत, गुड़, चना, खीर आदि एकत्रित कर लें. रंग पंचमी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करने के बाद साफ या नए कपड़े पहनें. एक चौकी पर लाल या पीले रंग का कपड़ा बिछाएं. इस चौकी पर राधा कृष्ण की प्रतिमा को स्थापित करें. उन्हें अक्षत, फूल, चंदन, फल समेत पूजा की सभी सामग्री अर्पित करें. राधा कृष्ण की विधि-विधान से पूजा करें और उन्हें रंग गुलाल अबीर अर्पित करें, साथ ही सभी देवी देवताओं को भी गुलाल और अबीर अर्पित करने के बाद आरती करें. भोग लगाएं और पूजा खत्म होने के बाद प्रसाद सभी को दें.

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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