रामलला मंदिर में दर्शन करने आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए भक्त रामनवमी पर रात 11 बजे तक दर्शन हो सकेंगे.
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय ने बताया कि रामनवमी (Ram Navami) के दौरान मंगला आरती के बाद ब्रह्म मुहूर्त में सुबह 3 बजे से अभिषेक, श्रृंगार और दर्शन साथ-साथ चलते रहेंगे. श्रृंगार आरती सुबह 5 बजे होगी.
भगवान को भोग लगाने के लिए मंदिर का पट थोड़े समय के लिए बंद रहेगा. रात में 11 बजे तक दर्शन का क्रम चलता रहेगा, इसी बीच भोग और शयन आरती होगी. शयन आरती के बाद मंदिर निकास मार्ग पर प्रसाद मिलेगा. ऐसे में दर्शनार्थी अपना मोबाइल, जूता, चप्पल, बड़े बैग और प्रतिबंधित सामान मंदिर से दूर सुरक्षित रखकर आएं.
16, 17, 18 और 19 अप्रैल को सुगम दर्शन पास, वीआईपी दर्शन पास, मंगला आरती पास, श्रृंगार आरती पास और शयन आरती पास नहीं बनेंगे. सुग्रीव किला के नीचे, बिड़ला धर्मशाला के सामने, श्री रामजन्मभूमि प्रवेश द्वार पर श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र की ओर से यात्री सेवा केंद्र बनाए गए हैं, जिसमें जन-सुविधाएं उपलब्ध होगी.
राम मंदिर में संपन्न होने वाले सभी कार्यक्रमों का प्रसारण अयोध्या नगर निगम क्षेत्र में लगभग 80 से 100 स्थानों पर एलईडी स्क्रीन लगाकर किया जाएगा. यह काम प्रसार भारती ने राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र की ओर से श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए किया है.
राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने बताया कि रामनवमी पर भगवान रामलला के ललाट पर सूर्य किरण 12:16 मिनट के करीब पांच मिनट तक पड़ेगी, इसके लिए महत्वपूर्ण तकनीकी व्यवस्था की जा रही है. वैज्ञानिक इस अलौकिक पलों को पूरी भव्यता से प्रदर्शित करने में जुटे हुए हैं. उन्होंने बताया कि मंदिर का बचा हुआ कार्य भी दिसंबर 2024 तक पूरा हो जाएगा.
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