Raksha Bandhan 2025 Shubh Muhurat Kab Hai: पंचांग के अनुसार इस साल श्रावण पूर्णिमा (Sawan Purnima) पर मनाया जाने वाला रक्षाबंधन 09 अगस्त 2025, शनिवार को मनाया जाएगा. भाई और बहन के रिश्ते को प्रगाढ़ करने वाला यह पर्व इस साल भद्रा (Bhadra) से मुक्त है. इस साल बहनें शनिवार की सुबह सूर्योदय के बाद से लेकर दोपहर 01:24 बजे पूर्णिमा खत्म होने तक अपने भाईयों को राखी (Rakhi) बांध सकेंगी. हालांकि इस पूरी अवधि में भी प्रात:काल 09:07 से लेकर 10:47 बजे तक राहुकाल (Rahukaal) रुकावट डालने का काम करेगा. लेकिन यदि किसी कारण से इस राहुकाल में भी भाई को राखी बांधनी पड़ जाए तो क्या करना चाहिए, आइए इसे विस्तार से जानते हैं.
शुभ योग को लिए है श्रावण पूर्णिमा (Raksha Bandhan 2025 Shubh muhurat)
धर्म-कर्म के मर्मज्ञ आचार्य राज मिश्र के अनुसार इस साल रक्षाबंधन के दिन 08 अगस्त 2025 की सुबह 07 से लेकर 09 बजे तक का समय राखी बांधने के लिए अत्यंत शुभ है. आचार्य राज मिश्र के अनुसार इस साल राखी के पर्व पर गजलक्ष्मी योग, सर्वार्थ सिद्धि योग, सौभाग्य योग आदि बनेंगे और इन सभी शुभ संयोग में राखी का पर्व अत्यंत ही मंगलमय रहने वाला है.
राहुकाल में राखी बांधना पड़े तो क्या करें (Kya rahu kaal me rakhi bandh sakte hai)
हिंदू मान्यता के अनुसार राहुकाल (Rahukal) को अशुभ मानते हुए इस दौरान किसी भी कार्य को करने की मनाही है. मान्यता है कि इस दौरान किए जाने वाले कार्य में अड़चनें आती हैं और वह पूर्ण नहीं होता है. ऐसे में सवाल उठता है कि यदि किसी बहन को किसी कारणवश राहुकाल के दौरान ही राखी बांधनी पड़े तो क्या करे. शास्त्रों में राहुकाल के दुष्प्रभाव से बचने के उपाय बताए गये हैं. आचार्य राज मिश्र के अनुसार यदि किसी बहन को राहुकाल के दौरान ही राखी बांधने पड़े तो पहले वह दुर्गा जी की आराधना करे और उनको राखी समर्पित करने के बाद प्रसाद स्वरूप अपने भाई की कलाई में बांध दे.
भाई या बहन के न होने पर कैसे मनाएं रक्षाबंधन, जानें कौन किसकी कलाई में बांध सकता है रक्षासूत्र
क्या पूर्णिमा खत्म होने के बाद भी बांध सकते हैं राखी? (kya raat me rakhi bandhna chahiye)
रक्षाबंधन के दिन कई बार कुछ लोग अपनी बहन के पास तमाम प्रयासों के बावजूद समय पर नहीं पहुंच पाते हैं या फिर किसी बहन को अपने घर में इस पर्व को मनाने के बाद ही भाई के यहां पहुंचने का समय मिल पाता है. तमाम तरह की परिस्थितियों में यदि पूर्णिमा तिथि खत्म हो जाए तो भाई-बहन को निराश होने की जरूरत नहीं है. ऐसी स्थिति में बहन को अपने भाई के लिए शुभ समय पर राखी निकाल कर पूजा स्थान पर रख देना चाहिए. मान्यता है कि देवस्थान पर रखी हुई पवित्र राखी की शुभता बनी रहेगी और यह शुभ मुहूर्त समाप्त होने के बाद भी आपके भाई की सुरक्षा और सौभाग्य का माध्यम बनेगी.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)