राम से लेकर रावण तक और शनि से लेकर शुभ-लाभ तक की बहनों का आखिर क्या नाम था?

Raksha Bandhan 2025: सनातन परंपरा से जुड़े जिस रक्षाबंधन पर्व का इंतजार तमाम बहनें पूरे साल इंतजार करती हैं, उसका संबंध देवी-देवताओं की कथा से जुड़ा हुआ है. ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर पौराणिक काल किस देवता की कौन थी बहन, जानने के लिए जरूर पढ़ें ये लेख.

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हिंदू देवी-देवताओं के भाई-बहन

Raksha Bandhan 2025: हिंदू मान्यता में रक्षाबंधन पर्व का बहुत ज्यादा महत्व माना गया है. इस पावन पर्व का संबंध पौराणिक काल से माना जाता है. तमाम ऐसी कथाएं हैं जिनका जुड़ाव रक्षाबंधन या फिर कहें रक्षासूत्र से है. फिर चाहे मां लक्ष्मी और राजा बलि की कथा हो या फिर द्रौपदी और भगवान श्रीकृष्ण का प्रसंग हो. जब हम इस स्नेह के पवित्र बंधन का जिक्र पौराणिक कथाओं से जोड़कर करते हैं तो जेहन में देवी-देवताओं के भाई-बहन का ख्याल आता है. आइए जानते हैं भगवान राम से लेकर कृष्ण तक किस देवता की कौन थी बहन इसके बारे में जानते हैं. 

भगवान गणेश की बहनें 

सबसे पहले बात करते हैं ऋद्धि-सिद्धि के दाता भगवान गणेश की जिन्हें हिंदू धर्म में प्रथम पूजनीय माना गया है. पौराणिक कथाओं के अनुसार गणेश जी की तीन बहनें और कुल सात भाई हैं. जिनका नाम अशोक सुंदरी, ज्योति और मनसादेवी हैं. इनके अलावा कार्तिकेय के अलावा भगवान गणेश जी के सुकेश, जलंधर, अयप्पा, भूमा, अंधक और खुजा भी भाई हैं.

शुभ और लाभ की बहन

भगवान श्री गणेश जी के पुत्र शुभ और लाभ की भी एक बहन थीं जिनका नाम संतोषी माता है. हिंदू मान्यता के अनुसार शुभ और लाभ की जब कोई बहन नहीं थी तो वे रक्षाबंधन पर राखी बंधवाने को लेकर भावुक हो जाते है. जिसके बाद भगवान गणेश जी की कामना से मां संतोषी का प्राकट्य हुआ और वे उनकी पुत्री और शुभ-लाभ की बहन कहलायीं. 

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भगवान राम की बहन कौन थीं

अयोध्या के राजा मर्यादा पुरुषोत्तम राम की भी एक बहन थीं, जिनका नाम शांता था. शांता राजा दशरथ और कौशल्या की पुत्री थीं. वे भगवान राम से उम्र में बड़ी थीं. मान्यता है कि कौशल्या की बहन ने वर्षिणी और उनके पति राजा रोमपद ने गोद लिया था. शांता का विवाह श्रृंग ऋषि से हुआ था. 

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रावण की बहन 

रामायण काल में लंकापति रावण की दो बहनों का उल्लेख मिलता है. जिसमें शूपर्णखा का ज्यादा जिक्र मिलता है. जिसके लक्ष्मण जी ने नाक-कान काटे थे. इसी प्रकार कुछेक जगह पर रावण की सौतेली बहन कुंभिनी का भी उल्लेख मिलता है. 

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भगवान कृष्ण की बहन 

गीता का अनमोल ज्ञान देने वाले पूर्णावतार भगवान श्रीकृष्ण की भी एक बहन थी, जिसका नाम सुभद्रा था. महाभारत काल में सुभद्रा का विवाह पांडवों में से एक अर्जुन से हुआ था. अर्जन और सुभद्रा से एक पुत्र का जन्म हुआ, जिसका नाम अभिमन्यु था. 

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इंद्र पुत्र जयंत की बहनें 

देवताओं के राजा इंद्र और उनकी पत्नी शचि की कुल छह संतानें थीं. जिनमें तीन पुत्र और दो पुत्रियां थीं. इंद्र के पुत्र के नाम जयंत, ऋषभ और मिधुशा था. इस तरह जयंत की तीन बहनें थीं, जिनका नाम जयंती और देवसेना हैं. इनमें से देवसेना का विवाह भगवान कार्तिकेय से हुआ है, जिन्हें देवयानी भी कहा जाता है. 

कौरवों-पांडवों की बहन 

दुशाला धृतराष्ट्र और गांधारी की पुत्री थी. वह 100 भाईयों के बीच एक मात्र बहन थी. कौरवों की तरह पांडवों की भी एक मात्र बहन थी, जिसका नाम शाश्वती था. शाश्वती पांडू और माता माद्री की बेटी थी, जिसका विवाह दृष्टद्युम्न से हुआ था. 

शनिदेव की बहन 

पौराणिक कथाओं के अनुसार सूर्यपुत्र शनिदेव की तीन बहनें हैं यमुना, ताप्ती और भद्रा हैं. इनमें से दो बहनें यमुना और ताप्ती की पूजा नदी के रूप में आज भी होती है. वहीं भद्रा का पंचांग में बहुत ज्यादा महत्व माना गया है. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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