रक्षाबंधन पर वैदिक राखी कैसे बनाएं, जानें इसे बनाने की सही विधि और पूजा का मंत्र

Raksha Bandhan 2025: बहन के द्वारा भाई की कलाई में बांधी जाने वाली राखी सिर्फ एक रेशमी धागा नहीं बल्कि स्नेह भरी मंगलकामना होती है. इस पवित्र रक्षासूत्र को यदि आप रक्षाबंधन के दिन घर पर बनाना चाहती हैं तो उसकी सही विधि जानने के लिए जरूर पढ़ें ये लेख. 

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घर में वैदिक राखी बनाने की विधि
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How to make a Vedic Rakhi: हिंदू धर्म में श्रावण मास की पूर्णिमा (Sawan Purnima) को मनाए जाने वाले रक्षाबंधन पर्व का बहुत ज्यादा महत्व माना गया है. इस पावन पर्व पर बहनें अपने भाई को राखी बांधकर उसके सुख-समृद्धि की कामना करते हुए और उससे आजीवन स्वयं की रक्षा का वचन लेती हैं. पौराणिक काल में भले ही रक्षा पोटली (Raksha Potli) की परंपरा रही हो लेकिन वर्तमान में न सिर्फ छोटे और बड़े भाई की कलाई पर बांधने के लिए बल्कि भाई और गुरु के हाथों में बांधने वाली तमाम तरह की राखियां मार्केट में मिल जाएंगी. 

मौजूदा दौर में आपको बाजार में रंगीन कलावे से लेकर रेशमी धागे तक सस्ती और महंगी दोनों प्रकार की राखियां मिल जाएंगी लेकिन वैदिक राखी को ढूढ़ पाना थोड़ा ​सा आपके लिए मुश्किल रहेगा. अब जबकि एक बार फिर पारंपरिक रक्षा सूत्र या फिर कहें वैदिक राखी (Vaidic Rakhi) चलन में है और तमाम बहनें मंगलकामना लिए हुए अपने भाई की कलाई इसे ही बांधना चाहती हैं तो आपको इसके लिए जरा भी परेशान होने की जरूरत नहीं है. अगर बाजार में वैदिक राखी (Vedic Rakhi) ढूढ़ने से भी न मिले तो आप उसे अपने घर में भी बना सकती हैं. आइए जानते हैं कि घर में किस विधि से वैदिक राखी तैयार की जाती है.

वैदिक राखी बनाने की सामग्री 

वैदिक राखी को बनाने के लिए आपको एक सूती या फिर रेशमी अथवा ऊनी धागा लेना होगा. इसी प्रकार इस पारंपरिक राखी को बनाने के लिए दूर्वा, अक्षत, केसर या फिर शुद्ध हल्दी, शुद्ध चंदन (Chandan), पीली सरसों के दाने, पीले रंग का कपड़ा और यदि संभव हो तो स्वर्ण पहले से लेकर रख लेना चाहिए.  

वैदिक राखी बनाने की विधि

वैदिक राखी को बनाने से पहले बहनों को स्नान-ध्यान करके तन-मन से पवित्र हो जाना चाहिए. इसके बाद अपने आराध्य का ध्यान और पूजन करने के बाद एक छोटे से पीले कपड़े में दूर्वा, अक्षत, केसर (Kesar) या फिर हल्दी, पीली सरसों के दाने और चंदन को उसमें रखें. यदि संभव हो तो उसमें आप स्वर्ण भी रख सकते हैं. इसके बाद उसे सूती या रेशम या फिर ऊनी धागे से बांधे और उसे राखी की तरह बना लें. इसके बाद उस वैदिक राखी को भगवान श्री कृष्ण (Lord Krishna) या फिर अपने आराध्य के चरणों पर रख दें. फिर उस पर गंगाजल (Gangajal) ​छिड़कते हुए नीचे दिये गये रक्षा सूत्र (Raksha Sutra) का पौराणिक या वैदिक मंत्र पढ़ें और अपने भाई को पूर्व दिशा में करके इसे उसकी कलाई में बांध दें.  

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राखी का पौराणिक मंत्र (Rakhi Ka Pauranik Mantra)

ॐ येन बद्धो बली राजा दानवेन्द्रो महाबलः
तेन त्वामपि बध्नामि रक्षे मा चल मा चल.

राखी का वैदिक मंत्र (Rakhi Ka Vedic Mantra)

ॐ यदा बध्नन्‌ दाक्षायणा हिरण्यं शतानीकाय सुमनस्यमाना: तन्मऽआबघ्नामि शत शारदायायुष्माञ्जरदृष्टिर्यथासम्‌.
(शुक्ल यजुर्वेद 34/52)
 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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