Raksha Bandhan 2022 Auspicious Yog: रक्षा बंधन का त्योहार सावन मास की पूर्णिमा तिथि (Sawan Purnima Date) को मनाया जाता है. पंचांग के अनुसार, इस साल पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 11 अगस्त को सुबह 10 बजकर 38 मिनट से होगी. जबकि पूर्णिमा तिथि का समापन 12 अगस्त को सुबह 7 बजकर 05 मिनट पर होगी. ऐसे में रक्षा बंधन (Raksha Bandhan 2022 kab hai) का त्योहार 12 अगस्त को मनाया जाएगा. ऐसा उदय व्यापिनी तिथि होने का कारण है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इस बार रक्षाबंधन के दिन एक बेहद शुभ संयोग (Raksha Bandhan Auspicious Yoga) का निर्माण हो रहा है. दरअसल इस दुर्लभ शुभ संयोग के कारण रक्षाबंधन का त्योहार और भी अधिक खास माना जा रहा है. आइए जानते हैं रक्षा बंधन के दिन बनने वाले दुर्लभ संयोग के बारे में.
रक्षा बंधन पर 24 साल बाद बना दुर्लभ संयोग | Raksha Bandhan Auspicious Yog
ज्योतिष शास्त्र (Astrology) के अनुसार, इस बार रक्षा बंधन (Raksha Bandhan Date 2022) का त्योहार अमृत योग (Amrit Yoga) में मनाया जाएगा. ज्योतिष शास्त्र के जानकारों के का कहना है कि रक्षा बंधन पर ऐसा दुर्लभ संयोग 24 साल बाद बना है. अमृत योग में किए गए शुभ कार्य सफलतापूर्वक संपन्न होते हैं.
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रक्षा बंधन कैसे मनाएं | How to Celebrate Raksha Bandhan
रक्षा बंधन के दिन राखी की थाली का विशेष महत्व है. ऐसे में रक्षा बंधन के दिन थाली में रोली, चंदन, अक्षत, दही, राखी और मिठाई रखें. एक घी का दीपक जलाएं. यह दीपक भाई की आरती उतारने के लिए होता है. पूजा की थाली को सबसे पहले भगवान को समर्पित करें. इसके पश्चात् भाई को पूरब या उत्तर दिशा की ओर मुंह करवाकर श्रद्धापूर्वक बैठने के लिए आमंत्रित करें. पहले भाई को तिलक लगाएं. इसके बाद राखी बांधें और उनकी आरती उतारें. फिर भाई को मिठाई खिलाएं. साथ ही उन्हें भोजन के लिए भी आग्रह करें. राखी बांधते समय इस बात का ध्यान रखें कि भाई का सिर खुला नहीं होना चाहिए. राखी बांधने की प्रक्रिया पूरी होने के बाद बहन को यथासंभव उपहार दें. उपाहर में काले वस्त्र, नकीली चीजें या तीखा और नमकीन चीजें देने से बचना चाहिए.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)