हर माह के दोनों पक्षों में पड़ने वाली त्रयोदशी को भगवान शिव (Lord Shiva) को समर्पित प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat 2022) रखा जाता है. मान्यता है कि इस दिन (Pradosh Vrat 2022) विधि-विधान से भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करने से सभी कष्टों का निवारण होता है और आरोग्य की प्राप्ति होती है. कहते हैं कि प्रदोष व्रत भगवान शिव (Pradosh Vrat Lord Shiva Puja) के अत्यंत प्रिय है. इस बार माघ माह मास में प्रदोष व्रत 30 जनवरी, रविवार के दिन है. शास्त्रों और पुराणों के मुताबिक, रविवार का प्रदोष व्रत करने से व्यक्ति आरोग्य जीवन व्यतीत करता है, इसके साथ ही व्रती दीर्घायु और प्रसन्न चित्त भी रहता है. प्रदोष व्रत के दिन पूजा के समय इन मंत्रों का जाप करना शुभ माना जाता है.
भगवान शिव पंचाक्षर मंत्र
ॐ नमः शिवाय।
महामृत्युंजय मंत्र
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्॥
भगवान शिव गायत्री मंत्र
ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्र: प्रचोदयात।
रुद्र गायत्री मंत्र:
ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्र: प्रचोदयात।
ओम साधो जातये नम:।।
ओम वाम देवाय नम:।।
ओम अघोराय नम:।।
ओम तत्पुरूषाय नम:।।
ओम ईशानाय नम:।।
ॐ ह्रीं ह्रौं नमः शिवाय।।
शिव मंत्र
ॐ नमः शिवाय।
नमो नीलकण्ठाय।
ॐ पार्वतीपतये नमः।
ॐ ह्रीं ह्रौं नमः शिवाय।
ॐ नमो भगवते दक्षिणामूर्त्तये मह्यं मेधा प्रयच्छ स्वाहा।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)