Pradosh Vrat Kab Hai: सनातन परंपरा में हर माह के कृष्णपक्ष और शुक्लपक्ष की त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष व्रत रखा जाता है. हिंदू धर्म में इस पावन तिथि या फिर कहें प्रदोष व्रत को औघड़दानी कहलाने वाले भगवान शिव की कृपा बरसाने वाला माना गया है. धार्मिक ग्रंथों में भगवान भोलेनाथ का आशीर्वाद पाने के लिए सबसे सरल एवं सीधा माध्यम बताया गया है. मान्यता है कि प्रदोष व्रत वाले दिन यदि कोई व्यक्ति प्रदोष काल के समय विधि-विधान से भगवान शंकर की पूजा करता है तो महादेव प्रसन्न होकर उसकी सभी मनोकामना शीघ्र ही पूरी करते हैं. आइए जानते हैं कि नवंबर के महीने में कब-कब पड़ेगा प्रदोष व्रत.
नवंबर महीने का पहला प्रदोष व्रत (November 2025 First Pradosh Vrat Date)
नवंबर महीने में पहला प्रदोष व्रत 03 तारीख को पड़ेगा. पंचांग के अनुसार कार्तिक मास के शुक्लपक्ष की त्रयोदशी 03 नवंबर 2025, सोमवार को प्रात:काल 05:07 बजे प्रारंभ होकर अगले दिन 04 नवंबर 2025 को पूर्वाह्न 02:05 बजे तक रहेगी. ऐसे में यह व्रत और शिव पूजन 03 नवंबर 2025 को ही किया जाएगा. पंचांग के अनुसार इस दिन शिव पूजा के लिए सबसे उत्तम माना जाने वाला प्रदोष काल सायंकाल 05:34 से लेकर 08:11 बजे तक रहेगा. ऐसे में प्रदोष व्रत की पूजा के लिए शिव साधकों को लगभग ढाई घंटे मिलेंगे.
नवंबर महीने का दूसरा प्रदोष व्रत (November 2025 Second Pradosh Vrat Date)
नवंबर महीने का दूसरा प्रदोष व्रत 17 तारीख को पड़ेगा. पंचांग के अनुसार मार्गशीर्ष मास के कृष्ण पक्ष की 17 नवंबर 2025, सोमवार के दिन प्रात:काल 04:47 बजे प्रारंभ होकर अगले दिन 18 नवंबर 2025, मंगलवार के दिन प्रात:काल 07:12 बजे समाप्त होगी. ऐसे में नवंबर महीने का दूसरा प्रदोष व्रत 17 नवंबर को ही रखना उचित रहेगा. इस दिन भगवान शिव की पूजा के लिए प्रदोष पूजा का समय सायंकाल 05:27 से लेकर 08:07 बजे तक रहेगा. इस तरह शिव पूजा के लिए तकरीबन ढाई घंटे मिल जाएंगे.
Shadi muhurat 2025: देवउठनी एकादशी के बाद नवंबर और दिसंबर महीने में कब-कब पड़ेंगे शादी के मुहूर्त?
सोम प्रदोष व्रत का धार्मिक महत्व (Som Pradosh Vrat Significance)
पंचांग के अनुसार नवंबर महीने में पड़ने वाले शुक्लपक्ष और कृष्णपक्ष के दोनों प्रदोष व्रत सोमवार के दिन पड़ रहे हैं, जिसे सनातन धर्म में भगवान शिव की पूजा के लिए समर्पित किया गया है. ऐसे में इस व्रत का महात्म्य और भी बढ़ जाता है. हिंदू मान्यता के अनुसार सोमवार का दिन चंद्र देवता के लिए भी समर्पित है जो मन के कारक माने जाते हैं और भगवान शिव के माथे को सुशोभित करते हैं. मान्यता है कि सोम प्रदोष का व्रत करने पर साधक की सभी मानसिक समस्याएं दूर और मनोकामनाएं पूरी होती हैं.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)














