Pradosh Vrat 2021: आज 9 अप्रैल को प्रदोष व्रत है. हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का भी विशेष महत्व है. यह व्रत भगवान शिव और देवी पार्वती को समर्पित है. मान्यता है कि इस व्रत को रखने से भगवान शिव की विशेष कृपा और आर्शीवाद प्राप्त होता है. इस व्रत को करने वाले व्यक्ति के जीवन में परेशानियां दूर होती हैं और सुख शांति आती है. प्रदोष व्रत हर महीने में दो बार आता है. अप्रैल माह का आज पहला प्रदोष व्रत है.
प्रदोष व्रत का शुभ मुहूर्त
त्रयोदशी तिथि का आरंभ: 9 अप्रैल को प्रात: 3 बजकर 16 मिनट से
त्रयोदशी की तिथि का समापन: 10 अप्रैल को प्रात: 4 बजकर 28 मिनट पर
पूजा का समय: 9 अप्रैल की शाम 6 बजकर 41 मिनट से लेकर 9 बजे तक.
प्रदोष व्रत का महत्व
प्रदोष व्रत माघ मास के शुक्ल और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है. मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव की पूजा-अर्चना व व्रत करने से भक्त की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं.
प्रदोष व्रत पर इस विधि से करें पूजा
- इस पवित्र दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ- सुथरे कपड़े पहनें.
-पूजा के स्थान पर गंगा जल का छिड़काव कर साफ करें.
- भगवान शिव की मूर्ति को स्नान कराएं.
- भगवान शिव की मूर्ति को चंदन लगाएं.
- पूजा के बाद व्रत के नियमों का पालन कर व्रत करें.
- प्रदोष काल में प्रदोष व्रत की कथा सुनें व पढ़ें और पूजन करें.
- सफेद चीजों का भोग अर्पित करें.
- भगवान शिव की आरती के बाद भोग सभी में बांटें और खुद भी ग्रहण करें.