Vidhi of offer water to Pitra in Pitru Paksha: भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि से शुरू होकर अमावस्या तक पितृ पक्ष (Pitru Paksha) रहता है. इस समय पितरों के लिए तर्पण, दान, पिंडदान, श्राद्ध कर्म किए जाते हैं. इस वर्ष पितृपक्ष 17 सितंबर से शुरू हो रहा है. पूरे पितृ पक्ष के दौरान पितरों (Pitra) को जल अर्पित किया जाता है. मान्यता है कि पितृ पक्ष में पितरों को जल अर्पित करने से वे प्रसन्न और संतुष्ट होते हैं. पितृ पक्ष के दौरान विधि विधान से जल अर्पित करने से पितृ दोष से मुक्ति प्राप्त होती है जिससे जीवन में परेशानियां कम होती हैं. पितृ पक्ष के दौरान पूरे पंद्रह दिन पितरों को पूरे विधि विधान से जल अर्पित करना चाहिए. आइए जानते हैं पितरों को जल अर्पित करने की सही विधि (Vidhi of offer water to Pitra)…..
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पितरों को जल अर्पित करने की सही विधि (Vidhi of offer water to Pitra)…..
सूर्य की दिशा में
पितृ पक्ष के दौरान पितरों को जल अर्पित करने से पहले स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें और विधि विधान से पितरों को जल अर्पित करें. इसके लिए उगते सूर्य की दिशा में मुख कर हाथों को पकड़े लोटे को सिर के ऊपर ले जाएं और जल अर्पित करें.
तांबे का लोटा
पितरों को जल अर्पित करने के लिए तांबे के लोटे का उपयोग सबसे उत्तम माना गया है. ल ऐसी जगह अर्पित करना चाहिए, जहां एकांत हो और वहां परिवार के लोग बार बार आना जाना नहीं करते हों.
मंत्र का जाप
पितरों को जल अर्पित करते समय ऊं पितृभ्यो नम:मंत्र का जाप करें. इस मंत्र के प्रभाव से पितृ दोष से मुक्ति प्राप्त होती है.
काले तिल और धूप
पितरों को अर्पित किए जाने वाले जल में काले तिल डालना चाहिए. तांबे के लोटे में जल लेकर उसमें काले तिल डालें और दोनों हाथों में लोटे को पकड़कर सिर के ऊपर उठाकर मंत्र का जाप करते हुए जल डालना शुरू करें. जल अर्पित करने के दौरान धूप और दिया जलाने से पितरों की नाराजगी दूर होती है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)