Pitru Paksha 2022: पितृ पक्ष में कौवे का क्यों दिया जाता है इतन महत्व, यहां जानिए

Importance of crow in pitru paksh : पितृ पक्ष में कौवे को खाना खिलाकर पितरों को तृप्त किया जाता है. इस दौरान अगर कौवा छत की मुंडेर पर आकर बैठ जाता है तो लोग बहुत अच्छा मानते हैं. ऐसी मान्यता है कि कौवे का पितरों को अर्पित किया गया भोजन खा लेने का मतलब पितर आपसे संतुष्ट हैं. चलिए जानते हैं कौवे का क्या महत्व है.

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Crow Importance : कौवे का पितर पक्ष में खाना खा लेना बहुत शुभ संकेत होता है.

Pitru Paksha 2022 Crow : इस साल हिंदू पंचांग (Hindu panchang) के अनुसार पितृ पक्ष 10 सितंबर से शुरू होगा. इस दौरान लोग अपने पितरों को पिंड दान करते हैं. उन्हें खुश करने के लिए ब्राह्मण भोज कराते हैं. इस माह में कौए को बहुत अहमियत दी जाती है. पितृ पक्ष में कौवे को खाना खिलाकर पितरों को तृप्त किया जाता है. इस दौरान अगर कौवा छत की मुंडेर पर आकर बैठ जाता है तो लोग बहुत अच्छा मानते हैं. ऐसी मान्यता है कि कौवे का पितरों को अर्पित किया गया भोजन खा लेने का मतलब पितर आपसे संतुष्ट हैं. चलिए जानते हैं कौवे का क्या महत्व है.

कौवे का महत्व पितर पक्ष में | Importance of crow in Pitru Paksh 

- कौवे को यम का प्रतीक माना जाता है. इस दौरान कौवे का होना पितरों का आस पास होने के बराबर होता है. कौवा यमराज का प्रतीक माना जाता है. पितृ पक्ष में कौवे को रोजाना भोजन कराना चाहिए.

- पितृ पक्ष में कौवा ना मिले तो कुत्ते और गाय को भोजन खिला देना चाहिए. वहीं, पीपल के पेड़ में जल चढ़ाना भी महत्वपूर्ण माना जाता है. पीपल पितरों का प्रतीक होता है. इसलिए इस महीने में पीपल की पूजा अर्चना जरूर करें.

- ऐसी मान्यता है कि कौवा कभी अपनी मौत नहीं मरता है. वह किसी बीमारी से भी नहीं मरता है बल्कि आकस्मिक होती है. ऐसा भी माना जाता है कि जिस दिन कौए की मौत होती है तो उसके बाकी साथी खाना नहीं खाते हैं.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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