Paush Amavasya 2022: हिंदू पंचांग के अनुसार हर महीने में एक अमावस्या आती है. पौष माह में पड़ने वाली अमावस्या को पौष अमावस्या कहा जाता है, जो कलेंडर के अनुसार दिसंबर या जनवरी में पड़ता है. इस दिन स्नान, दान, तर्पण आदि करने का विशेष महत्व होता है. इस दिन पितृदोष और कालसर्प दोष (kaalsarp Dosha) से निजात पाने के लिए पूजा अर्चना की जाती है. जानिए पौष अमावस्या के बारे में, यह दिन कब पड़ रहा है, इस दिन क्या करना चाहिए और उसकी विशेषता क्या है आदि.
पौष अमावस्या | Paush Amavasya
जब हिंदू कैलेंडर के अनुसार पौष के विशिष्ट महीने में अमावस्या तिथि पड़ती है तो उस विशेष अमावस्या को पौष अमावस्या कहा जाता है. पौष अमावस्या के दिन मृत पूर्वजों के लिए श्राद्ध और तर्पण किए जाने का उत्तम समय माना जाता है.
हिंदू कैलेंडर के अनुसार पौष अमावस्या पौष माह के कृष्ण पखवाड़े के 15वें दिन मनाया जाता है. अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार ये दिन जनवरी या दिसंबर (December) के महीने में आता है. इस साल पौष अमावस्या 22-23 दिसंबर यानी गुरुवार-शुक्रवार के दिन मनाया जाएगा. इसकी शुरुआत 22 दिसंबर की शाम 07 बजकर 13 मिनट पर होगी और अगले दिन यानी 23 दिसंबर 2022 की दोपहर 03 बजकर 46 मिनट तक ये तिथि रहेगी.
पौष अमावस्या का महत्वहिंदू पंचांग के अनुसार, पौष मास दसवां महीना है जिसे देवताओं की पूजा करने और मृत पूर्वजों के लिए अनुष्ठान करने के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है. पौष मास को सौभाग्य लक्ष्मी मास के नाम से भी जाना जाता है. हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, यह माना जाता है कि पौष अमावस्या की पूर्व संध्या पर देवी लक्ष्मी के दो रूपों धन लक्ष्मी और धन्या लक्ष्मी की पूजा करना शुभ होता है.
पौष अमावस्या के विशेष दिन कपड़े और भोजन दान करने या अन्न और वस्त्र दान करने से केतु, राहु, शनि और बृहस्पति ग्रहों के दुष्प्रभाव को कम किया जा सकता है जो जातक इन ग्रहों से परेशान हैं, वे पौष अमावस्या के दिन दान-पुण्य करके लाभ प्राप्त कर सकते हैं.
पौष अमावस्या की पूजा और उपवास करने के लाभ1. माना जाता है कि पौष अमावस्या पर पूजा (Paush Amavasya Puja) करने से घातक बीमारियों को खत्म किया जा सकता है और साथ ही स्वास्थ्य संबंधी विभिन्न गंभीर समस्याओं से भी छुटकारा पाया जा सकता है.
2. माना जाता है कि अकाल मृत्यु को रोकने के लिए लोग इस दिन अनुष्ठान करते हैं और पूजा करते हैं.
3. मान्यता है कि इस दिन विशेष पूजा करने से यह परिवार में स्थिरता को बढ़ावा देने के साथ-साथ व्यापार को बढ़ावा देने में भी मदद करता है.
4. माना जाता है कि इस दिन अनुष्ठान करने और व्रत (Paush Amavasya Vrat) रखने से व्यक्ति को मृत पूर्वजों के साथ-साथ देवताओं का भी आशीर्वाद प्राप्त होता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)