Aaj Ka Panchang 5 May 2022: 05 मई का पंचांग, जानिए राहु काल और शुभ-अशुभ मुहूर्त

Aaj Ka Panchang 5 May 2022: आज यानी 05 मई, वैशाख शुक्ल पक्ष (Vaishakh Shukla Paksha) की चतुर्थी (Chaturthi) तिथि है. चतुर्थी तिथि सुबह 10 बजे तक है. इसके बाद पंचंमी तिथि लग जाएगी. सूर्योदय 5 बजकर 37 मिनट पर है. सूर्यास्त का समय शाम 6 बजकर 59 मिनट है. मृगशिरा नक्षत्र (Mrigshira Nakshatra) सुबह 6 बजकर 17 मिनट तक है.

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Aaj Ka Panchang 5 May 2022: मृगशिरा नक्षत्र सुबह 6 बजकर 17 मिनट तक है.

Aaj Ka Panchang 5 May 2022: हिंदी पंचांग (Panchang Today) के अनुसार आज यानी 05 मई, वैशाख शुक्ल पक्ष (Vaishakh Shukla Paksha) की चतुर्थी (Chaturthi) तिथि है. चतुर्थी तिथि सुबह 10 बजे तक है. इसके बाद पंचंमी तिथि लग जाएगी. सूर्योदय 5 बजकर 37 मिनट पर है. सूर्यास्त का समय शाम 6 बजकर 59 मिनट है. मृगशिरा नक्षत्र (Mrigshira Nakshatra) सुबह 6 बजकर 17 मिनट तक है. इसके बाद आर्द्रा नक्षत्र (Ardra Nakshatra) लग जाएगा. राहुकाल (Rahu Kaal) दोपहर 1 बजकर 58 मिनट से 3 बजकर 38 मिनट तक है. पंचांग (Aaj Ka Panchang) के मुताबिक जानते हैं 05 मई के शुभ-अशुभ मुहूर्त (5 May 2022 Panchang) के बारे में. 

05 मई अप्रैल 2022 का पंचांग, शुभ मुहूर्त  (05 May 2022 Panchang Shubh Muhurat) 

  • ब्रह्म मुहूर्त-  04:12 ए एम से 04:55 ए एम
  • अभिजित मुहूर्त- 11:51 ए एम से 12:45 पी एम
  • गोधूलि मुहूर्त- 06:45 पी एम से 07:09 पी एम
  • अमृत काल- 10:04 पी एम से 11:52 पी एम 
  • रवि योग- 05:37 ए एम से 06:17 ए एम

अशुभ समय (Ashubh Muhurat)

राहु काल- दोपहर 1 बजकर 58 मिनट से 3 बजकर 38 मिनट तक 

भद्रा- सुबह 5 बजकर 37 मिनट से 10 बजे तक है. 

दुर्मुहूर्त- सुबह 10 बजकर 04 मिनट से 10 बजकर 58 मिनट तक 

गुलिक काल- सुबह 08 बजकर 58 मिनट से 10 बजकर 38 मिनट तक

आज का पंचांग (Aaj ka Panchang)


आज का योग-  सुकर्मा, शाम 6 बजकर 7 मिनट तक 

आज का वार- गुरुवार

आज का पक्ष- शुक्ल पक्ष

आज की तिथि- चतुर्थी सुबह 10 बजे तक उसके बाद पंचमी

सूर्योदय- 5 बजकर 37 मिनट पर 

दिशा शूल- दक्षिण

चंद्र वास- पश्चिम

राहु वास- दक्षिण

ऋतु- ग्रीष्म

राहु काल क्या होता है?

वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, राहु को अशुभ ग्रह माना गया है. मान्यता है कि राहु काल की अवधि में किसी भी प्रकार के शुभ कार्य को करने से बचना चाहिए. माना जाता है कि अगर कोई राहु काल की अवधि में पूजन, हवन या यज्ञ आदि करता है तो उसे मनोवांछित फल प्राप्त नहीं होते हैं. इसलिए किसी भी शुभ कार्य को आरंभ करने से पहले राहु काल का विचार करना बेहद जरूरी माना जाता है. हालांकि राहु की प्रसन्न करने के लिए हवन, जप इत्यादि किए जा सकते हैं. राहु काल की अवधि डेढ़ घंटे की होती है. 

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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