Chaitra Navratri 2023: चैत्र नवरात्रि के दौरान पूरे मनोभाव से मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा-आराधना की जाती है. पहले दिन से शुरू होकर नवरात्रि नवमी (Navami) तक मनाई जाती है, इसी दिन रामनवमी भी होती है. इसके साथ ही, दसवें दिन दशमी मनाई जाती है. नवरात्रि में मां शैलपुत्री, मां ब्रह्मचारिणी, मां चंद्रघंटा, मां कुष्मांडा, मां स्कंदमता, मां कात्यायनी, मां कालरात्रि, मां महागौरी और मां सिद्धीदात्री का पूजन किया जाता है. इन नौ दिनों के दौरान देवी मां को विशिष्ट भोग (Bhog) लगाया जाता है. देवी मां को आप भी इन चीजों का भोग लगा सकते हैं.
चैत्र नवरात्रि पर भोग | Navratri Bhog
फलनवरात्रि के दौरान माता रानी को फलों का भोग लगाया जा सकता है. आमतौर पर सफेद, लाल और पीले फलों को पूजा में प्राथमिकता दी जाती है. तरह-तरह के मीठे पकवानों में भी फलों को शामिल किया जा सकता है.
भोग की सामग्री में घी (Ghee) अवश्य ही शामिल होता है. खासतौर से मां शैलपुत्री की पूजा में घी का भोग लगाया जा सकता है. देसी घी को सीधा भी भोग के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं या फिर अलग-अलग पकवानों को घी से बनाया जा सकता है.
शहदमां कात्यायनी की पूजा में शहद का भोग लगाया जाता है. मीठे फलों के साथ शहद साथ में भोग स्वरूप लगाया जा सकता है. इसके अतिरिक्त भोग पंचामृत और मिष्ठान में शहद का इस्तेमाल कर सकते हैं.
नवरात्रि के भोग (Navratri Bhog) व प्रसाद में तिल का इस्तेमाल किया जाता है. तिल का भोग लगाने के लिए मालपुए, खीर, मिठाई और अन्य पकवानों में तिल डाला जा सकता है.
गुड़नवरात्रि के सातवें दिन मां कालरात्रि की पूजा में गुड़ का खास उपयोग होता है. सीधे गुड़ या गुड़ से बने पकवान माता को खिलाए जा सकते हैं. इसके अतिरिक्त नवरात्रि के अन्य दिनों में भी गुड़ को भोग स्वरूप इस्तेमाल किया जा सकता है.
दूध और दूध से बनी लगभग सभी चीजें नवरात्रि के भोग में इस्तेमाल लाई जाती हैं. खीर, मिठाई और पंचामृत में दुग्घ पदार्थों को सम्मिलित किया जाता है. यह नवरात्रि के नौ दिनों में जब चाहे तब भोग लगाने के लिए उपयुक्त है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)