नवरात्रि के सातवें दिन मां कालरात्रि की पूजा में पहनें इस रंग के कपड़े, मां काली होंगी प्रसन्न

आज हम बात करने जा रहे हैं सातवें दिन मां कालरात्रि की पूजा के बारे में. हम आपको बताएंगे मां काली की पूजा में कौन सा रंग पहनने से देवी काली प्रसन्न होती हैं. 

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मां कालरात्रि को हरा रंग बहुत पसंद है. ऐसे में आप देवी दुर्गा के सातवें रूप की पूजा इस रंग को पहनकर कर सकते हैं.

Day 7 color of Navratri : नवरात्रि का पर्व देवी दुर्गा के 9 रूपों की पूजा अर्चना के लिए समर्पित है. पूरे 9 दिन मां के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा होती है. शुरूआत मां शैलपुत्री की आराधना के साथ होता है और मां सिद्धिदात्री की पूजा और कन्या पूजन के साथ समापन होता है. हर दिन मां के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा का खास महत्व होता है. आज हम बात करने जा रहे हैं सातवें दिन मां कालरात्रि की पूजा के बारे में. हम आपको बताएंगे मां काली की पूजा में कौन सा रंग पहनने से देवी काली प्रसन्न होती हैं. साथ ही कालरात्रि की स्तुति, प्रार्थना और आरती भी बताई जा रही है...

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मां कालरात्रि को कौन सा रंग पसंद है

मां कालरात्रि को हरा रंग बहुत पसंद है. ऐसे में आप देवी दुर्गा के सातवें रूप की पूजा इस रंग को पहनकर कर सकते हैं. यह आपके लिए बहुत फलदायी होगा. आपको बता दें कि हरा रंग पूजा के लिए बहुत अच्छा माना जाता है. हरे रंग के कई शेड्स होते हैं, जिसे आप पूजा करते समय पहन सकते हैं. 

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वहीं, मां का आशीर्वाद पाने के लिए आप पूजा करते समय मंत्र का जाप, स्तुति, प्रार्थना और आरती भी करें...

मां कालरात्रि मंत्र

ॐ देवी कालरात्र्यै नमः॥ ॐ देवी कालरात्रियै नमः॥

मां कालरात्रि प्रार्थना

एक्वेनि जपाकर्णपूरा नग्ना खरस्थिता। लम्बोष्ठी कर्णिकाकर्णी तैलाभ्यक्त शरीरिणी॥ वम्पाडोल्लसललोह लताकान्तकभूषणा। वर्धन मूर्धाध्वज कृष्ण कालरात्रिर्भयङ्करी॥ एकवेनि जपकर्णपुरा नग्ना खरास्थिता। लम्बोष्ठी कर्णिकाकर्णी तैलभ्यक्त शरीरिणी। वामपादोल्लासलोहा लताकंटकभूषणा। वर्धन मूर्धध्वज कृष्ण कालरात्रिर्भयंकरि।

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मां कालरात्रि स्तुति

या देवी सर्वभूतेषु माँ कालरात्रि रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥ या देवी सर्वभूतेषु मां कालरात्रि रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।

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माता कालरात्रि की आरती

कालरात्रि जय जय महाकाली काल के मुंह से बचाने वाली दुष्ट संहारिणी नाम तुम्हारा।
महाचंडी तेरा अवतारा पृथ्वी और आकाश पर सारा महाकाली है तेरा पसारा
खंडा खप्पर रखने वाली दुष्टों का लहू चखने वाली कलकत्ता स्थान तुम्हारा।
सब जगह देखूं तेरा नजारा सभी देवता सब नर नारी गावे
स्तुति सभी तुम्हारी रक्तदंता और अन्नपूर्णा कृपा करे,तो कोई भी दुख ना ना कोई चिंता रहे।
ना बीमारी ना कोई गम ना संकट भारी उस पर कभी कष्ट ना आवे
महाकाली मां जिसे बचावे तू भी 'भक्त' प्रेम से कह कालरात्रि मां तेरी जय।

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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