Navratri 2025 Saraswati Puja Date: कल से शुरू होगी सरस्वती पूजा, जानें आवाहन से लेकर विसर्जन की तारीख, शुभ मुहूर्त और महत्व

Navratri 2025 Saraswati Puja Date: शारदीय नवरात्रि 2025 में विद्या की देवी मां सरस्वती की चार दिवसीय पूजा कब-कब की जाएगी? नवरात्रि में देवी की किस दिन की पूजा का क्या महत्व है? मां सरस्वती की पूजा विधि, मंत्र और शुभ मुहूर्त आदि को जानने के लिए जरूर पढ़ें ये लेख.

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Saraswati Puja 2025: सरस्वती पूजा के आवाहन से लेकर विसर्जन तक की तिथि एवं शुभ मुहूर्त

Shardiya Navratri Saraswati Puja 2025 Date And Time: शक्ति की साधना का महापर्व नवरात्रि इन दिनों पूरे देश में बड़ी धूम-धाम से मनाया जा रहा है. नवरात्रि के 09 दिनों में देवी दुर्गा के 09 स्वरूपों की विशेष पूजा होती है. मुख्य रूप से यह पर्व तीन प्रमुख देवियों मां सरस्वती, मां दुर्गा और मां लक्ष्मी को समर्पित है. यदि बात करें मां सरस्वती की विशेष पूजा की तो यह नवरात्रि में चार दिन विशेष रूप से की जाती है. आइए विद्या की देवी मां सरस्वती से जुड़े इन चार दिनों में की जाने वाली पूजा विधि, मंत्र और शुभ मुहूर्त के बारे में विस्तार से जानते हैं.

नवरात्रि में सरस्वती पूजा 2025 की प्रमुख तारीखें

29 सितंबर 2025, सोमवार : सरस्वती आवाह्नान

30 सितंबर 2025, मंगलवार : सरस्वती पूजा

01 अक्टूबर 2025, बुधवार : सरस्वती बलिदान

02 अक्टूबर 2025, गुरुवार : सरस्वती विसर्जन

मां सरस्वती की पूजा का पहला दिन

देवी सरस्वती की पूजा का पहला दिन सरस्वती आवाहन के नाम से जाना जाता है. मां सरस्वती की पहले दिन की पूजा 29 सितंबर 2025, सोमवार को होगी. इस दिन देवी सरस्वती के आवाहन के लिए मूल नक्षत्र का शुभ मुहूर्त प्रात: 10:30 से लेकर शाम को 05:06 बजे तक रहेगा. इस शुभ मुहूर्त में मां सरस्वती के भक्त ​उन्हें श्रद्धा के साथ आमंत्रित करते हैं. इसके बाद दूसरे दिन बुद्धि और ज्ञान की देवी की दूसरे दिन मुख्य पूजा होती है.

मां सरस्वती की दूसरे दिन की पूजा

दूसरे दिन पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र में बुद्धि और ज्ञान की देवी मां सरस्वती की मुख्य पूजा होती है. इसे ज्ञानदायिनी मां सरस्वती की प्रधान पूजा दिवस के रूप में जाना जाता है. इस दिन कापी-किताब के साथ देवी की मूर्ति की विशेष पूजा पूरे विधि-विधान से होती है. इस दिन पठन, पाठन और लेखन कार्य नहीं किया जाता है.

मां सरस्वती की तीसरे दिन की पूजा

मां सरस्वती की तीसरे दिन की पूजा 01 अक्टूबर 2025, बुधवार को होगी. इसे सरस्वती बलिदान के नाम से जाना जाता है. पंचांग के अनुसार सरस्वती बलिदान के लिए शुभ माना जाने वाला उत्तराषाढ़ा बलिदान मुहूर्त 01 अक्टूबर 2025 को दोपहर 03:44 से लेकर शाम को 06:07 बजे तक रहेगा. इस दिन उत्तरा पूजा के बाद नारियल से हवन किया जाता है.

मां सरस्वती की चौथे दिन की पूजा

सरस्वती पूजन का चौथा दिन सरस्वती विसर्जन के नाम से जाना जाता है. इस साल सरस्वती विसर्जन 02 अक्टूबर 2025, गुरुवार को श्रवण नक्षत्र में सुबह 09:13 से लेकर दोपहर 03:18 के बीच में होगा. इसी के साथ मां सरस्वती की चार दिवसीय पूजा पूर्ण हो जाएगी. इस दिन मां सरस्वती के साधक उन्हें आदर के साथ विदा करते हुए बुद्धि, विवेक और ज्ञान का आशीर्वाद मांगते हैं.

सरस्वती पूजा विधि

सरस्वती पूजा के पहले दिन साधक को सूर्योदय से पहले उठकर स्नान-ध्यान करके साफ वस्त्र धारण करना चाहिए. इसके बाद अपने पूजा घर में मां सरस्वती के चित्र या प्रतिमा को शुद्ध जल से पवित्र करने के बाद पुष्प, रोली, चंदन, धूप, दीप, फल, मिष्ठान, आदि अर्पित करते हुए विधि-विधान से पूजा करना चाहिए. सरस्वती पूजा में माता को विशेष रूप से सफेद वस्त्र और सफेद मिठाई अर्पित करें. इसी प्रकार सरस्वती माता के मंत्रों का जाप और उनकी विधि-विधान से आरती करके सभी को प्रसाद बांटें और स्वयं भी ग्रहण करें.

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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