Navratri 2025: देवी दुर्गा के 9 पावरफुल मंत्र, जिसे जपते ही दूर होगी हर मुश्किल और पूरी होगी मनोकामना 

Navratri 2025 Durga puja mantra: हिंदू मान्यता के अनुसार नवरात्रि के 9 दिनों में विधि-विधान से जप-तप और व्रत करने से देवी दुर्गा अपने साधक के सभी कष्टों को दूर और कामनाओं को पूरा करती हैं. नवरात्रि के 9 दिनों में देवी दुर्गा के 9 स्वरूपों की पूजा का महामंत्र जानने के लिए जरूर पढ़ें ये लेख.

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Navratri 2025 Devi Puja ke Mantra: नवरात्रि में किस देवी के लिए करें किस मंत्र का जाप?

Navratri 2025 powerful mantras of Goddess Durga: शक्ति की साधना के लिए शारदीय नवरात्रि की पूजा का बहुत ज्यादा महत्व माना गया है. इस साल नवरात्रि का पावन पर्व 22 सितंबर 2025 से लेकर 02 अक्टूबर 2025 के बीच में मनाया जाएगा.  सनातन परंपरा में नवरात्रि के 9 दिनों में देवी दुर्गा के 9 स्वरूपों की पूजा का विधान है. जिसमें पहले दिन शैलपुत्री, दूसरे दिन ब्रह्मचारिणी, तीसरे दिन चन्द्रघण्टा, चौथे दिन कूष्माण्डा, पांचवें दिन स्कन्दमाता, छठे दिन कात्यायनी, सातवें दिन कालरात्रि, आठवें दिन महागौरी एवं नौवें दिन माता सिद्धिदात्री की विशेष पूजा की जाती है.

हिंदू मान्यता के अनुसार देवी के 9 स्वरूप सभी कष्टों को दूर करके 9 कामनाओं को पूरा करने वाले हैं. इस नवरात्रि की पूजा किस देवी के लिए कौन सा मंत्र जपने पर बरसेगा माता का आशीर्वाद, आइए इसे विस्तार से जानते हैं. 

नवरात्रि का पहला दिन : मां शैलपुत्री का मंत्र

सनातन परंपरा में नवरात्रि के पहले दिन माता शैलपुत्री की पूजा का विधान है. इस दिन मां शैलपुत्री के 'ॐ देवी शैलपुत्र्यै नमः' अथवा 'वन्दे वाञ्चितलाभाय चन्द्रार्धकृतशेखरम्, वृषारूढ़ां शूलधरां शैलपुत्रीं यशस्विनीम्.' मंत्र का जप करने से साधक की सभी इच्छाएं पूर्ण होकर सुख-शांति की प्राप्ति होती है. 

नवरात्रि का दूसरा दिन : मां ब्रह्मचारिणी का मंत्र

नवरात्रि के दूसरे दिन माता ब्रह्मचारिणी की पूजा का विधान है. देवी के साधक को इस दिन मां ब्रह्मचारिणी के 'ॐ ऐं ह्रीं क्लीं ब्रह्मचारिण्यै नम:' अथवा दधाना करपाद्याभ्यामक्षमाला कमण्डलु. देवी प्रसीदतु मयि ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा. मंत्र का जप करना चाहिए. 

नवरात्रि का तीसरा दिन : मां चन्द्रघण्टा का मंत्र

नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा का विधान है. ऐसे में इस दिन देवी दुर्गा के चंद्रघंटा स्वरूप की पूजा का पुण्यफल पाने के लिए व्यक्ति को 'ॐ देवी चन्द्रघंटायै नमः' अथवा 'पिण्डजप्रवरारूढ़ा चण्डकोपास्रकैर्युता. प्रसादं तनुते महं चन्द्रघण्टेति विश्रुता. मंत्र का जप करना चाहिए.

नवरात्रि का चौथा दिन : देवी कूष्माण्डा का मंत्र 

सनातन परंपरा में नवरात्रि में चौथे दिन माता कूष्माण्डा की पूजा की जाती है. माता से मनचाहा आशीर्वाद पाने के लिए इस दिन 'ॐ कूष्माण्डायै नमः' अथवा 'सुरासम्पूर्णकलशं रुधिराप्लुतमेव च. दधाना हस्तपद्माभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तु मे' मंत्र का जप करना चाहिए. 

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नवरात्रि का पांचवां दिन : देवी स्कंदमाता का मंत्र 

हिंदू मान्यता के अनुसार नवरात्रि का पांचवा दिन देवी स्कंदमाता की पूजा के लिए समर्पित रहता है. इस दिन मां स्कंदमाता की पूजा में 'ॐ स्कन्दमात्राय नमः' अथवा 'सिंहासनगता नित्यं पद्माञ्चित करद्वया. शुभदास्तु सदा देवी स्कन्दमाता यशस्विनी. मंत्र का जप करना चाहिए. 

नवरात्रि का छठवां दिन : देवी कात्यायनी का मंत्र 

शक्ति की साधना के छठे दिन माता कात्यायनी की पूजा का विधान है. मान्यता है कि इस दिन यदि साधक देवी कात्यायनी के 'ॐ कात्यायनै नमः' अथवा 'चन्द्रहासोज्ज्वलकरा शार्दूलवरवाहना. कात्यायनी शुभं दद्याद्देवी दानवघातिनी. मंत्र का जप करना चाहिए. 

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नवरात्रि का सातवां दिन : देवी कालरात्रि का मंत्र 

मां कालरात्रि को देवी दुर्गा का सातवा स्वरूप माना जाता है. हिंदू मान्यता के अनुसार इनकी पूजा नवरात्रि के सातवें दिन होती है. माता से मनचाहा आशीर्वाद पाने के लिए इस दिन साधक को 'ॐ कालरात्र्यै नमः' अथवा 'ॐ ऐं ह्रीं क्लीं श्री कालरात्रि सर्व वश्यं कुरु कुरु वीर्य देहि देहि गणैश्वर्यै नम:' मंत्र का जप करना चाहिए. 

नवरात्रि का आठवां दिन : देवी महागौरी का मंत्र 

नवरात्रि का आठवां दिन मां महागौरी की पूजा के लिए समर्पित है. हिंदू मान्यता के अनुसार मां महागौरी की पूजा में साधक द्वारा 'ॐ महागौर्यै नमः' अथवा 'श्वेते वृषे समारुढ़ा श्वेताम्बरधरा शुचिः. महागौरी शुभं दद्यान्महादेवप्रमोददा.' मंत्र का जप करना चाहिए.

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नवरात्रि का नौवां दिन : देवी सिद्धिदात्री का मंत्र 

सनातन परंपरा में नवरात्रि के नौवें दिन माता सिद्धिदा​त्री की पूजा सभी प्रकार की सिद्धि दिलाने वाली मानी गई है. हिंदू मान्यता के अनुसार इस दिन माता के 'ॐ सिद्धिदात्र्यै नमः' अथवा 'सिद्धगंधर्वैक्षाद्यैर्सुरैरमरैरपि. सेव्यमाना सदा भूयात् सिद्धिदा सिद्धिदायिनी.' मंत्र का जप करने से माता सभी मनोकामनाएं शीघ्र ही पूरा करती हैं. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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