Ghatsthapana Pujan Samagri List: नवरात्रि में मां दुर्गा के 9 स्वरूप की पूजा का खास विधान है. इस बार नवरात्रि की शुरुआत 26 सितंबर, सोमवार से हो रही है. इस बार शारदीय नवरात्रि के प्रथम दिन घटस्थापना की जाएगी. इस दिन कलश स्थापना के साथ ही मां शैलपुत्री देवी की पूजा भी होगी. मां दुर्गा की पूजा में पूजन सामग्री का खास महत्व है. मान्यता है कि पूजन सामग्री के बिना मां दुर्गी की पूजा का वांछित लाभ नहीं मिलता है. ऐसे में नवरात्रि शुरू होने से पहले सभी पूजन सामग्रियों की लिस्ट बनाकर उनकी व्यवस्था कर लेनी चाहिए. आइए जानते हैं कि मां दुर्गा की पूजा के लिए पूजन सामग्री के बारे में.
नवरात्रि पूजन सामग्री | Navratri Pujan Samagri List
लाल रंग की गोटेदार चुनरी, लाल रेशमी चूड़ियां, सिन्दूर, आम के पत्ते, लाल वस्त्र, बात्ती के लिए रुई या बत्ती, धूप, अगरबत्ती, माचिस, माता की चौकी लिए लाल कपड़ा, नारियल (जल युक्त), दुर्गासप्तशती किताब, कलश, साफ चावल (अक्षत) कुमकुम, मौली, श्रृंगार की सामग्री, दीपक, अखंड दीप के लिए, घी या तिल का तेल, फूल, फूल-माला, पान-सुपारी, लौंग, इलायची, प्रसाद के लिए बताशे या मिसरी, कपूर, उपले, फल, मिठाई, मां दुर्गा की तस्वीर या प्रतिमा, कलावा, मेवे, हवन के लिए आम की लकड़ी, जौ, धूप, पांचमेवा, घी, लोबान, गुगल, लौंग, कमल गट्टा सुपारी, कपूर, हवन कुंड.
घटस्थापना के लिए सामग्री | Ghatsthapana Pujan Samagri List
नवरात्रि में घटस्थापना का खास महत्व है. इस दिन कलश स्थापना और उसकी पूजा के लिए कुछ पूजन सामग्रियों का होना जरूरी होता है. घटस्थापना की पूजा के लिए मिट्टी, मिट्टी का घड़ा, मिट्टी का ढक्कन, कलावा, जटा वाला नारियल, जल, गंगाजल, लाल वस्त्र, मिट्टी का दीपक, मौली, अक्षत, हल्दी-चूने से बने तिलक की व्यवस्था पहले से कर लें.
घटस्थापना शुभ मुहूर्त 2022 | Ghatsthapana Shubh Muhurat
हिंदू पंचांग के अनुसार, घटस्थापना 26 सितंबर 2022 सोमवार को कि किया जाएगा. इस दिन घटस्थापना के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 6 बजकर 11 मिनट से लेकर 7 बजकर 51 मिनट तक है. इस दिन अभिजित मुहूर्त सुबह 11 बजकर 48 मिनट से 12 बजकर 36 मिनट तक है.
कैसे करें घटस्थापना | Ghatsthapana Vidhi
शारदीय नवरात्रि के पहले दिन घटस्थापना की जाती है. ऐसे में इस दिन घर के पूजा मंदिर में उत्तर-पूर्व दिशा में करना शुभ रहता है. माता के लिए पूजा-चौकी पर कलश स्थापित करें. सबसे पहले कलश रखने वाले स्थान को गंगाजल से शुद्ध करें. इसके बाद लकड़ी की चौकी पर लाल रंग से स्वास्तिक बनाएं और उस पर कलश स्थापित करें. कलश में आम का पल्ल्व रखें. इसके बाद कलश को जल या गंगाजल से भरें. आप चाहें तो कलश में जल भरने के बाद भी आम का पल्लव रख सकते हैं. कलश में एक सुपारी, कुछ सिक्के, दूर्वा, हल्दी की एक गांठ जरूर रखें. कलश के मुख पर एक नारियल लाल वस्त्र से लपेट कर रखें. संभव हो तो अक्षत से अष्टदल बनाकर उस पर मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित करें. अब माताक को लाल रंग की चुनरी अर्पित करें. घटस्थापना के साथ ही अखंड दीप भी स्थापित किया जाता है. घटस्थापना करने के बाद मां शैलपुत्री का विधिवत पूजन करें. दोनों हाथों में लाल पुष्प और चावल लेकर मां शैलपुत्री का ध्यान करें. मां शैलपुत्री का ध्यान करने के बाद फूल और चावल मां के चरणों में अर्पित कर दें. इस दिन मां शैलपुत्री के लिए जो भोग बनाएं उसमें गाय के घी का इस्तेमाल करें.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)