Navami 2025: चैत्र नवरात्रि अपने समापन की ओर बढ़ रही है. हर साल चैत्र माह में नौ दिन मां दुर्गा के नौ रूपों को समर्पित होते हैं. इन्हें नवरात्रि के नाम से जाना जाता है. नवरात्रि (Navratri) के नौंवे दिन को नवमी के रूप में जाना जाता है. इस दिन पूरे मनोभाव से मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है और और घर में कंजक बिठाई जाती है. कंजक (Kanjak) में नौ कन्याओं को घर बुलाया जाता है, पूरी-हलवा खिलाया जाता है और चरण स्पर्श करके उपहार के साथ घर से विदा किया जाता है. चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि पर ही मर्यादा पुरषोत्तम भगवान राम का जन्म हुआ था. ऐसे में इस दिन को रामनवमी (Ram Navami) के नाम से जाना जाता है. यहां जानिए आज चैत्र नवरात्रि की नवमी पर मां सिद्धिदात्रि की किस शुभ मुहूर्त में करें पूजा, भोग में क्या चढ़ाएं, कंजक खिलाने का शुभ मुहूर्त क्या है और किस मुहूर्त में रामनवमी की पूजा की जा सकती है.
Ram Navami 2025: दोपहर 1:35 बजे तक है रामलला की पूजा का शुभ मुहूर्त, यहां जानिए पूजन विधि
मां सिद्धिदात्री की पूजा का शुभ मुहूर्त | Ma Siddhidatri Puja Shubh Muhurt
मां सिद्धिदात्री का स्वरूप दिव्य और सुशोभित होता है. चार भुजाओं वाली मां सिद्धिदात्री के एक हाथ में शंख, दूसरे हाथ में चक्र, तीसरे हाथ में गदा और चौथे हाथ में कमल का फूल होता है. सिंह पर सवार मां भक्तों को सुख-संपत्ति और मोक्ष का आशीर्वाद देती हैं. मां सिद्धिदात्री की नवमी के दिन भक्त पूजा करते हैं.
चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि 5 अप्रैल की शाम 7 बजकर 26 मिनट पर शुरू होकर 6 अप्रैल की शाम 7 बजकर 22 मिनट तक रहेगी. इस दिन ब्रह्म मुहूर्त सुबह 4:34 बजे से सुबह 5:20 बजे तक है. प्रात: संध्या मुहूर्त सुबह 4:57 बजे से सुबह 6:05 बजे तक है. अभिजीत मुहूर्त सुबह 11:58 बजे से दोपहर 12:49 बजे तक रहेगा. इन शुभ मुहूर्त में माता की पूजा संपन्न की जा सकती है.
नवमी की पूजा में मां सिद्धिदात्री को भोग में तिल और मेवे से बने व्यंजन चढ़ाए जा सकते हैं.
पहनें मां सिद्धिदात्री का प्रिय रंग (Ma Siddhidatri Favorite Color)नवमी के दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा में बैंगनी या जामुनी रंग पहना जा सकता है.
कंजक खिलाने का शुभ मुहूर्त (Kanjak Shubh Muhurt)6 अप्रैल, रविवार के दिन नवमी पर कंजक कन्याओं को कंजक खिलाने के कई शुभ मुहूर्त बन रहे हैं. सामान्य मुहूर्त सुबह 7:40 से सुबह 9:15 के बीच है.
लाभ उन्नति मुहूर्त 9:15 से शुरू होकर 10:49 बजे तक रहेगा. अमृत सर्वोत्तम मुहूर्त सुबह 10:49 बजे से दोपहर 12:24 बजे तक है. इसके अलावा अभिजीत मुहूर्त सुबह 11:58 मिनट से दोपहर 12:49 मिनट तक है.
चैत्र नवरात्रि के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि पर श्रीराम का जन्म हुआ था और इसीलिए हर साल इस तिथि पर रामनवमी मनाई जाती है. रामनवमी का शुभ मुहूर्त इस साल कुल ढाई घंटे का बन रहा है. पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 11 बजे से शुरू हो रहा है और दोपहर 1:35 बजे इसका समापन हो जाएगा.
रामवनमी की पूजा में श्रीराम के समक्ष केतकी, चंपा, मालती, कमल, गुलाब, कुंद और गेंदे के फूल अर्पित किए जा सकते हैं. इसके साथ ही तुलसी, कुशा, शमी और भृंगराज के पत्ते पूजा में शामिल किए जा सकते हैं.
पहनें श्रीराम के प्रिय रंग के कपड़े (Lord Rama Favorite Color)रामनवमी की पूजा में सफेद या पीले रंग के कपड़े पहनना बेहद शुभ माना जाता है. मान्यतानुसार यह श्रीराम के प्रिय रंग हैं.
करें श्रीराम के मंत्रों का जाप (Shriram Puja Mantra)ऊँ रां रामाय नम:।।
आपदामपहर्तार दातारं सर्वसंपदाम्। लोकाभिरामं श्रीरामं भूयो भूयो नमाम्यहम्।।
रामाय रामभद्राय रामचंद्राय वेदसे। रघुनाथाय नाथाय सीताया: पतये नम:।।
ॐ दशरथये विद्महे सीतावल्लभाय धीमहि, तन्नो राम प्रचोदयात्॥
राम रामेति रामेति, रमे रामे मनोरमे। सहस्रनाम तत्तुल्यं रामनाम वरानने।।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)