नौतपा 25 मई से हो रहा है शुरू, गर्मी होगी चरम पर, पंडित से जानिए Nautapa में कैसे करें सूर्यदेव को प्रसन्न

आपको बता दें कि 25 मई को सूर्य देव चन्द्रमा के नक्षत्र रोहिणी में प्रातः 9 बज कर 32 मिनट पर प्रवेश करेंगे. जिससे नौतपा ( तपन काल) प्रारम्भ हो जायेगा, जो अगले नौ दिनों तक चलेगा.  

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आप रविवार का व्रत सूर्य देव को प्रसन्न करने के लिए कर सकते हैं. 

Nautapa 2025 tithi : मई और जून के महीने में नौतपा शुरू हो जाती है. इस दौरान भीषण गर्मी से लोगों का हाल-बेहाल हो जाता है. घर से बाहर निकलना दूभर होने लगता है. सूरज की ताप से शरीर झुलस जाती है. इसलिए नौतपा के 9 दिन में जब तक आपको बहुत जरूरी कोई काम न हो घर से बाहर दोपहर के समय न निकलें. आपको बता दें कि इस साल 25 मई को सूर्य देव चन्द्रमा के नक्षत्र रोहिणी में प्रातः 9 बजकर 32 मिनट पर प्रवेश करेंगे. जिससे नौतपा (तपन काल) प्रारम्भ हो जायेगा, जो अगले नौ दिनों तक चलेगा. ऐसे में आइए जानते हैं ज्योतिषाचार्य डॉ. अरविन्द मिश्रा से नौतपा के दौरान सूर्यदेव के प्रकोप से बचने और उन्हें प्रसन्न करने के लिए क्या करना चाहिए...

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कैसे करें नौतपा में सूर्य देव को प्रसन्न - How to please Sun God during Nautapa

ज्योतिषाचार्य डॉ. अरविन्द मिश्रा बताते हैं कि सूर्य हड्डियों, हृदय, पिता, आत्मा, सरकार का कारक ग्रह है.  नौतपा के दौरान पिता के चरण स्पर्श करने और उनकी सेवा करने से सूर्य देव खुश होते हैं. वहीं, आपने अगर अपने पिता का अपमान किया है और उनका तिरस्कार किया है, तो उनसे क्षमा याचना करें.

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आपको बता दें कि सूर्य और चंदमा मित्र हैं. रोहिणी नक्षत्र चन्द्रमा का नक्षत्र है. जब कोई भी मित्र अपने मित्र के घर में होता है, तो वो अधिक प्रभावी और शक्तिशाली हो जाता है. सूर्य पिता का कारक है और चंद्रमा माता का कारक है इसलिए अगर आपने माता और पिता को वृद्धाश्रम में भेज दिया है, तो वापस घर लेकर आइए. .

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सूर्यदेव को प्रसन्न करने के लिए आप आदित्य हृदय स्त्रोत का पाठ कर सकते हैं, इसके अलावा सूर्य मंत्र और सूर्य गायत्री मंत्र का जाप करिए. नौतपा के दौरान राहगीरों के लिए प्याऊ लगवाएं. साथ ही गुड़, घी, सोना, तांबा, गेहूं, लाल कपड़ा गरीबों को दान करने से सूर्यदेव खुश होते हैं. 

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चंद्रमा मन का भी कारक होता है. इसलिए जो लोग माता-पिता का अपमान करते हैं तो वो कभी स्वस्थ और सुखी नहीं रहते हैं. आप रविवार का व्रत सूर्य देव को प्रसन्न करने के लिए कर सकते हैं.   

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