Nautapa 2022: जल्द शुरू होने वाला है नौतपा, जानें इस दौरान किन भगवान की करते हैं पूजा

Nautapa 2022: 25 मई, 2022 को सूर्य का रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश होगा. सूर्य के रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करते ही नौतपा शरू हो जाएगा. इस दौरान कुछ कार्य करना शुभ माना गया है.

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Nautapa 2022: नौतपा में इन भगवान की उपासना शुभ मानी गई है.

Nautapa 2022: हिंदी कैलेंडर के मुताबिक अभी ज्येष्ठ मास चल रहा है और 25 मई, 2022 को सूर्य का रोहिणी नक्षत्र (Rohini Nakshatra) में प्रवेश होगा. सूर्य (Surya) के रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करते ही नौतपा (Nautapa) शरू हो जाएगा. नौतपा (Nautapa) में गर्मी बहुत अधिक रहती है. इसलिए इस दौरान सेहत का खास ख्याल रखा जाता है. खान-पान का विशेष ध्यान रखा जाता है. धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक नौतपा (Nautapa 2022) धार्मिक कार्यों के लिए भी खास माना गया है. इस दौरान दान को खास महत्व दिया जाता है. आइए जानते हैं कि नौतपा के दौरान क्या करना अच्छा माना गया है. 

नौतपा का ज्योतिष में है खास महत्व

ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक नौतपा के दौरान सूर्य रोहिणी नक्षत्र में संचरण करते हैं. कहा जाता है कि जब सूर्य इस नक्षत्र में प्रवेश करते हैं तो नौतपा आरंभ हो जाता है. ज्योतिषीय मान्यता है कि सूर्य के रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करने से सूर्य का प्रभाव बढ़ जाता है, जिस कारण गर्मी अधिक रहती है. 

ये हैं नौतपा से जुड़ी मान्यताएं

नौतपा को लेकर मान्यताएं हैं कि इस दौरान गर्मी अधिक रहती है. साथ ही बारिश होने की भी संभावना अधिक रहती है. रहा जाता है कि जितनी ज्यादा रोहिणी तपती है, उतनी अधिक वर्षा होती है. मान्यता यह भी है कि अगर नौतपा के दौरान अधिक बारिश हो जाए तो वर्षा ऋतु में सामान्य से कम बारिश होती है. 

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नौतपा के दौरान की जाती है इन देवताओं की उपासना

धार्मिक मान्यता के मुताबिक नौतपा के दौरान सूर्योदय से पहले उठना अच्छा है. ऐसे में लोग सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करने के बाद सूर्य को जल अर्पित करते हैं, जिसे शुभ माना जाता है. भगवान सूर्य को जल अर्पित करते वक्त ओम् सूर्याय नमः का जाप करना अच्छा माना गया है. भगवान सूर्य को जल अर्पित करने के लिए तांबे के पात्र का इस्तेमाल करना शुभ माना गया है. इसके अलावा नौतपा के दौरान भगवान शिव, भगवान विष्णु और भगवान श्रीकृष्ण को ठंढ़ा जल अर्पित करना अच्छा माना जाता है. साथ भी भगवान को चंदन अर्पित करने की भी परंपरा है.

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.) 

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