Aaj Ka Panchang 17 May 2022: नारद जयंती आज, जानिए शुभ मुहूर्त और अशुभ समय

Aaj Ka Panchang 17 May 2022: आज यानी 17 मई, ज्येष्ठ कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा (Jyeshtha Krishna Pratipada) तिथि है. इसके अलावा आज नारद जयंती (Narada Jayanti 2022) भी है.

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Aaj Ka Panchang 17 May 2022: आज नारद जयंती है. जानिए शुभ मुहूर्त.

Aaj Ka Panchang 17 May 2022: हिंदी पंचांग (Panchang Today) के अनुसार आज यानी 17 मई, ज्येष्ठ कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा (Jyeshtha Krishna Pratipada) तिथि है. प्रतिपदा तिथि सुबह 6 बजकर 25 मिनट तक है. इसके बाद द्वितीया तिथि लग जाएगी. सूर्योदय 5 बजकर 29 मिनट पर है. सूर्यास्त का समय शाम 7 बजकर 06 मिनट है. अनुराधा नक्षत्र (Aburadha Nakshatra) सुबह 10 बजकर 46 मिनट तक है. इसके बाद ज्येष्ठा नक्षत्र लग जाएगा. राहुकाल (Rahu Kaal) दोपहर 3 बजकर 42 मिनट से 05 बजकर 25 मिनट तक है. इसके अलावा आज नारद जयंती (Narada Jayanti 2022) भी है. पंचांग (Aaj Ka Panchang) के मुताबिक जानते हैं 17 मई के शुभ-अशुभ मुहूर्त (17 May 2022 Panchang). 

17 मई अप्रैल 2022 का पंचांग, शुभ मुहूर्त  (17 May 2022 Panchang Shubh Muhurat) 

  • ब्रह्म मुहूर्त- 04:06 ए एम से 04:48 ए एम
  • अभिजित मुहूर्त- 11:50 ए एम से 12:45 पी एम
  • गोधूलि मुहूर्त- 06:52 पी एम से 07:16 पी एम
  • अमृत काल- 12:19 ए एम, मई 18 से 01:45 ए एम, मई 18


अशुभ समय (Ashubh Muhurat)

  • राहु काल- दोपहर 03 बजकर 42 मिनट से 05 बजकर 24 मिनट तक 
  • दुर्मुहूर्त- सुबह 08 बजकर 13 मिनट से 09 बजकर 07 मिनट तक 
  • गुलिक काल- दोपहर 12 बजकर 18 मिनट से 02 बजे तक
  • यमगंड- सुबह 08 बजकर 54 मिनट से 10 बजकर 36 मिनट तक


आज का पंचांग (Aaj Ka Panchang)


आज का योग- शिव, रात 10 बजकर 38 मिनट तक. उसके बाद सिद्ध योग शुरू हो जाएगा. 

आज का वार- मंगलवार

आज का पक्ष- कृष्ण पक्ष

आज की तिथि- प्रतिपदा सुबह 06 बजकर 25 मिनट तक है. उसके बाद द्वितीया तिथि लग जाएगी.

सूर्योदय- 5 बजकर 29 मिनट पर 

दिशा शूल- उत्तर

नक्षत्र शूल पूर्व- 10:46 ए एम से पूरी रात तक

चंद्र वास- उत्तर

राहु वास- पश्चिम

ऋतु- ग्रीष्म

भगवान विष्णु के परम भक्त थे देवर्षि नारद (Narada Jayanti 2022) 

पंचांग के मुताबिक, ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि को नारद जयंती मनाई जाती है. साल 2022 में नारद जयंती आज यानि 17 मई को मनाई जाएगी. धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक नारदजी भगवान विष्णु के परम भक्त थे. देवर्षि नारद देवी-देवताओं तक सूचना पहुंचाने के लिए तीनों लोकों की यात्रा करते थे. यही कारण है कि देवर्षि नारद को देवों का दूत, संचारकर्ता और सृष्टि का पहला पत्रकार कहा जाता है.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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