Nag Panchami 2022: सावन शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि आज है. नाग पंचमी का त्योहार आज मनाया जा रहा है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, आज नाग पंचमी पर शिव योग और उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र का अत्यंत शुभ संयोग बना है. नाग पंचमी पर ऐसा दुर्लभ संयोग 30 साल बाद बना है. हिंदू धर्म की मान्यताओं के मुताबिक नाग पंचमी भगवान शिव और नाग देवता की पूजा के लिए खास होती है. शास्त्रों में नाग देवता की पूजा का खास महत्व बताया गया है. आइए जानते हैं कि नाग पंचमी पर कौन-कौन के शुभ संयोग बने हैं और पूजा के लिए शुभ मुहूर्त पूजन की विधि क्या है.
नाग पंचमी शुभ योग | Nag Panchami Shubh Yog
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, नाग पंचमी पर 30 साल बाद दुर्लभ संयोग बना है. दरअसल आज शिव योग, उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र और मंगला गौरी व्रत का खास संयोग बना है. ये शुभ संयोग पूजा-पाठ के लिए शुभ माने गए हैं. साथ ही इस शुभ संयोग में नाग देवता की पूजा से कई गुना अधिक लाभ प्राप्त हो सकता है. इसके अलावा यह शुभ योग कालसर्प दोष से मुक्ति पाने के लिए भी खास माना जा रहा है.
पंचांग के अनुसार, पंचमी तिथि 2 अगस्त, 2022 को सुबह 5 बजकर 13 मिनट से अगले दिन यानी 3 अगस्त को सुबह 5 बजकर 41 मिनट तक रहेगी. नाग पंचमी पर आज पूजा के लिए सुबह 5 बजकर 43 मिनट से लेकर 8 बजकर 25 मिनट तक है. यानी पूजा के लिए 2 घंटे 42 मिनट का समय शुभ है.
नाग पंचमी के दिन नाग देवती की पूजा का विधान है. ऐसे में नाग जाति के प्रति श्रद्धा और सम्मान पूर्वक गाय का दूध, धान का लावा, सफेद पुष्प, धूप आदि से पूजन करना अच्छा रहेगा. पूजन के बाद नाग देवता की प्रसन्नता के लिए 'ॐ नवकुल नागाय विद्महे विषदन्ताय धीमहि, तन्नो सर्प: प्रचोदयात्' इस मंत्र का जाप करना अधिक शुभ रहेगा. जिन जातकों की कुंडली में कालसर्प दोष है, उन्हें भगवान शिव की पूजा के साथ-साथ सर्प देवता की पूजा उपरोक्त मन्त्र के द्वारा करना शुभ साबित होगा. मान्यता है कि ऐसा करने से कालसर्प दोष का निवारण हो जाता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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