Vastu Tips For New Year 2023: नए साल के प्रथम दिन लोग अपने घरों को सजाते हैं. कुछ लोग अपने घर या दफ्तर को वास्तु शास्त्र के अनुसार डेकोरेट करते हैं. वास्तु शास्त्र में घर की सजावट के लिए कई वास्तु सम्मत चीजों के बारे में बताया गया है. माना जाता है कि इन चीजों को घर को सजाने से वास्तु दोष दूर होता है. जिसके परिणामस्वरूप घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है. वास्तु शास्त्र में मोर पंख को सुख-समृद्धि का संकेतक माना जाता है. मान्यता है कि मोर पंख को घर में रखने से परिवार खुशहाल रहता है. आइए जानते हैं कि नए साल के पहले दिन अपने घर में मोर पंख को कैसे रख सकते हैं.
घर में क्यों रखते हैं मोर पंख
वास्तु शास्त्र और धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मोर पंख में सभी देवी-देवताओं का वास होता है. यही वजह है कि मोर पंख को घर में रखना शुभ होता है. इसके अलावा वास्तु शास्त्र की मान्यता के अनुसार, घर में मोर पंख रखने से सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता है. मोर पंख को हमेशा दक्षिण-पूर्व दिशा में रखने से घर में सकारात्मक ऊर्जा और सुख-शांति का वास होता है.
फिजूलखर्जी पर लगता है लगाम
कई लोग फिजूलखर्जी से परेशान रहते हैं. ऐसे लोगों के हाथ में पैसा आते ही पानी की तरह बह जाता है. यही वजह है कि फिजूलखर्ची पर लोक लगाने के लिए मोर पंख बेहद कारगर होता है. मान्यता है कि इसे यही दिशा में घर में रखने से फिजूलखर्ची से लगाम लग सकती है.
रिश्ते में आती है मिठास
वास्तु शास्त्र के जानकारों की मानें तो मोर पंख को घर में रखने से पति-पत्नी के बीच का रिश्ता काफी मधुर रहता है. अगर किसी वजह से पति-पत्नी के बीच बराबर मनमुटाव होते रहते हैं तो ऐसे में उनके लिए मोर पंख मददगार साबित हो सकता है. रिश्तों में मधुरता और प्यार बरकरार रखने के लिए बेडरूम पूर्व दिशा की दीवार पर टांग कर करना अच्छा होता है. इसके अलावा इसके बच्चों को पढ़ाई में भी मन लगता है.
कालसर्प दोष से मुक्ति के लिए खास है मोर पंख
ज्योतिष शास्त्र में कहा गया है कि अगर कुंडली में कालसर्प दोष है और इससे छुटकारा पाना चाहते हैं तो इसके लिए अपने बेड रूम में तकिए के नीचे मोर पंख रख सकते हैं. मान्यता है कि ऐसा करने से धीरे-धीरे कालसर्प दोष से मुक्ति मिलने लगती है. यही वजह है कि वास्तु शास्त्र और ज्योतिष शास्त्र में मोरपंख को इतना अधिक महत्व दिया जाता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)