Gayatri Jayanti 2022: वेद माता मां गायत्री का का प्राकट्य ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष की एकादशी को हुआ था, इसलिए हर साल इस तिथि पर गायत्री जयंती (Gayatri Jayanti ) मनाई जाती है. साल 2022 में गायत्री जयंती 10 जून शुक्रवार को मनाई जाएगी. धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक गायत्री जयंती, गंगा दशहरा के अगले दिन मनाते हैं. वैसे तो प्रत्येक दिन गायत्री मंत्र (Gayatri Mantra) का जाप करना अत्यंत लाभकारी बताया गया है. लेकिन गायत्री जयंती पर इस मंत्र का जाप करने से विशेष लाभ प्राप्त हो सकता है. गायत्री मंत्र के जाप (Gayatri Mantra Jaap) में विशेष सावधानियां बरतने की सलाह दी जाती है. ऐसे में शास्त्रीय मान्यताओं के मुताबिक जानते हैं कि गायत्री मंत्र के जाप की सही विधि क्या है.
गायत्री मंत्र जाप की विधि | Method of Chanting Gayatri Mantra
शास्त्रों में गायत्री मंत्र (Gayatri Mantra) जाप के लिए खास विधि के बारे में बताया गया है. जिसके मुताबिक इसका जाप करने के लिए तीन प्रहर बेहद शुभ हैं. पहला समय ब्रह्म मुहूर्त का है. ब्रह्म मुहूर्त यानी सूर्योदय से पहले का समय गायत्री मंत्र के जाप (Gayatri Mantra Jaap) के लिए अत्ंयत शुभ माना गया है. दोपहर के समय भी इस मंत्र का जाप किया जा सकता है. इसके अलावा गायत्री मंत्र का जाप सूर्यास्त से पहले शुरू करके सूर्यास्त के डेढ़ घंटे बाद तक किया जा सकता है.
धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक गायत्री मंत्र का जाप रुद्राक्ष की माला पर करना शुभ है. मन ही मन गायत्री मंत्र का जाप करना अच्छा माना गया है. वहीं गायत्री मंत्र का जाप ऊंची आवाज में नहीं किया जाता है. पीले रंग के वस्त्र पहनकर गायत्री मंत्र का जाप करना शुभ माना गया है.
गायत्री मंत्र जाप के फायदे | Benefits of chanting Gayatri Mantra
-धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक गायत्री मंत्र के जाप से मन शांत और एकाग्र रहता है. साथ ही चेहरे पर तेज झलकता है.
-गायत्री मंत्र के जाप से स्मरण शक्ति अच्छी रहती है. साथ ही मन प्रसन्न रहता है.
-मान्यतानुसार गायत्री मंत्र के जाप से जीवन से दुख और दरिद्रता का नाश होता है. साथ ही उत्तम संतान की प्राप्ति होती है.
-कहा जाता है कि गायत्री मंत्र के जाप से विद्या और ज्ञान की प्राप्ति होती है, जिससे लक्ष्य प्राप्ति में किसी प्रकार की बाधा नहीं आती है.
-मान्यता है कि शिव गायत्री मंत्र के जाप से कालसर्प दोष और शनि, राहु-केतु की पीड़ी से मुक्ति मिलती है. शिव गायत्री मंत्र- 'ॐ तत्पुरुषाय विदमहे, महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्र: प्रचोदयात्.'
गायत्री मंत्र और अर्थ | Gayatri Mantra and Meaning
गायत्री मंत्र- ॐ भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात्
गायत्री मंत्र अर्थ- सृष्टिकर्ता प्रकाशमान परामात्मा के तेज का हम ध्यान करते हैं, परमात्मा का तेज हमारी बुद्धि को सन्मार्ग की ओर ले जाने के लिए प्रेरित करें.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)