Mangal Gochar 2022: ज्योतिष शास्त्र (Astrology) में मंगल ग्रह को शुभ माना गया है. यही वजह है कि नवग्रह में मंगल को विशेष स्थान प्राप्त है. इसे ग्रहों का सेनापति कहा जाता है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब मंगल राशि परिवर्तन (Mangal Rashi Parivartan) करता है तो उससे 8 दिन पहले की अपना प्रभाव दिखाना शुरू कर देता है. इसके अलावा किसी भी जातक की कुंडल में मंगल (Mangal) साहस, पराक्रम, ऊर्जा और शक्ति का प्रतिनधित्व करता है. ज्योतिष शास्त्र की गणना के आधार पर मंगल 30 अक्टूबर 2022 को मिथुन राशि में प्रवेश करने जा रहे हैं. ऐसे में मंगल का यह गोचर (Mangal Gochar) कुछ राशियों के शुभ नहीं माना जाता है. मंगल के राशि परिवर्तन से उनकी मुश्किलें बढ़ सकता हैं.
मेष
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, मंगल के गोचर से मेष राशि वालों की मुश्किलें बढ़ सकती है. इस दौरान कोर्ट-कचहरी के विवाद बढ़ सकते हैं. ऐसे में इस दौरान विवादों के दूर रहने की सलाह दी जाती है. इससे अलावा मानसिक तनाव बढ़ सकता है. पेट से संबंधित परेशानियां बढ़ सकती हैं. सेहत को लेकर सतर्क रहना होगा.
वृषभ
इस राशि के संबंधित जातकों के लिए मंगल का राशि परिवर्तन कष्टकारी माना जा रहा है. ऐसे में इस दौरान सेहत को लेकर खास सावधानी बरतनी होगी. मंगल गोचर की अवधि में पारिवारिक विवाद बढ़ सकते हैं. आर्थिक मुश्किलों का भी सामना करना पड़ सकता है. इसके अलावा लव लाइफ में परेशानियां बढ़ सकती हैं.
कर्क
मंगल के गोचर के कर्क राशि वालों का खर्च बढ़ सकता है. बिजनेस में आर्थिक मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है. प्रॉपर्टी के काम में विवाद उत्पन्न हो सकता है. परिवार के किसी सदस्य के विवाद हो सकता है. कार्यस्थल पर अधिकारियों के मनमुटाव रहेगा. फिजूलखर्ची से परेशान हो सकते हैं.
मिथुन
मंगल का राशि परिवर्तन इस राशि के लिए अच्छा नहीं माना जा रहा है. दरअसल ज्योतिष के जानकार बाता रहे हैं कि मंगल गोचर की अवधि में सेहत प्रभावित हो सकता है. किसी साथी से मनमुटाव की संभावना बनेगी. इसके साथ ही परिवार में आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. बिजनेस में आर्थिक उन्नति में बाधाएं आएंगी. नौकरी में बॉस से मनमुटाव हो सकता है.
मीन
मीन राशि के जातकों को मंगल-गोचर की अवधि में कोई भी नया काम आरंभ करने से बचा होगा. मगर का गोचर आर्थिक परेशानियां खड़ी कर सकता है. जमीन के कार्य को लेकर खास सतर्क रहना होगा. परिवार में जीवनसाथी से मनमुटाव हो सकता है. इसके अलावा इस दौरान साहस और ऊर्जा में कमी देखने को मिल सकती है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
PM मोदी बोले- महाकाल की नगरी प्रलय के प्रहार से भी मुक्त, उज्जैन भारत की आत्मा का केंद्र