Mahashivratri 2022: महाशिवरात्रि पर इस बार होगी भोलेनाथ की विशेष कृपा, पंचग्रही योग में मनेगी शिवरात्रि

Mahashivratri Panchgrahi Yog: पंचग्रही योग में पूजन की खास मान्यता ये है कि भोलेनाथ सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं. आप भी जानें किस तरह किया जाता है पूजन.

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Mahashivratri के दिन माना जा रहा है कि पंचग्रही योग बन रहा है.

Mahashivratri 2022: महाशिवरात्रि का पर्व बस आने को है. इस बार 1 मार्च को भोलेनाथ के भक्त इस पर्व पर शिव वंदना में लीन होंगे. वैसे तो हर साल शिव भक्तों के लिए ये दिन खास होता है. लेकिन, इस बार महाशिवरात्रि (Mahashivratri) का पर्व दो और वजहों से महत्वपूर्ण होगा. ज्योतिषियों के अनुसार, इस बार महाशिवरात्रि पर दो अलग-अलग शुभ संयोग बन रहे हैं. इसके अलावा पंचग्रही योग भी है. पंचग्रही योग में पूजन की खास मान्यता ये है कि भोलेनाथ सभी मनोकामनाएं पूरी भी करते हैं. इसलिए इस साल मंगलवार के दिन पड़ने वाले महाशिवरात्रि को लेकर भक्त बहुत उत्साहित हैं.

ये है ग्रहों का शुभ योग

5 ग्रहों का महासंयोग बनने से इस बार शिवरात्रि पर पंचग्रही योग माना जा रहा है. ये एक विशेष योग है जो हर वर्ष नहीं बनता है. ये योग 12वें भाव और मकर राशि में बनेगा. इसका अर्थ ये है कि मकर राशि में मंगल, शनि के साथ बुध, शुक्र और चंद्रमा ग्रह रहेंगे. सिर्फ इतना ही नहीं, लगन की दृष्टि से देखें तो माना जा रहा है कि कुंभ राशि में सूर्य और गुरु की युति भी होगी. राहु और केतु भी अलग अलग भाव में होंगे. चौथे भाव में राहु वृषभ राशि और दसवें भाव में केतु वृश्चिक राशि में होगा.

इन पांच राशियों के लिए शुभ है योग

ये योग मेष, वृषभ, मिथुन, सिंह और कर्क राशि के लिए बहुत शुभ बताया जा रहा है. माना जाता है कि भगवान शिव की विधि विधान से पूजा करने, शमी के पत्ते और घी अर्पित करने मात्र से इन राशि वालों की मनोकामना पूरी होगी. शमी के पत्तों के साथ भगवान को गाय के दूध से बने घी में शक्कर मिलाकर चढ़ाने से भी फल प्राप्त होता है, ऐसी मान्यता है. 

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महाशिवरात्रि का शुभ मुहूर्त

महाशिवरात्रि पर इस बार पूजन का शुभ मुहूर्त (Mahashivratri Muhurat) सुबह 11 बजकर 47 मिनट से शुरू होगा. 12 बजकर 34 मिनट तक अभिजीत मुहूर्त (Abhijit Muhurat) जारी रहेगा. विजय मुहूर्त (Vijay Muhurat) का समय दोपहर 2 बजकर 7 मिनट से 2 बजकर 53 मिनट तक रहेगा. शाम के वक्त गोधूलि मुहूर्त (Godhuli Muhurat) होगा जो शाम 5 बजकर 48 मिनट से 6 बजकर 12 मिनट तक चलेगा. इन सभी मुहूर्त में पूजा करना शुभ होता है.

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ये है पूजन विधि

भोलेनाथ के पूजन का तरीका बहुत कठिन नहीं है. सिर्फ आस्था और विश्वास पूरा होना चाहिए. पूरी  आस्था के साथ स्नान ध्यान करें और फिर अक्षत, पान, सुपारी, रोली, लौंग, दूध, दही, शहद से भगवान शिव का पूजन करें. साथ में धतूरा, बेलपत्र अर्पित करना न भूलें.

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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