Mahalaya Amavasya 2022: महालया अमावस्या कब है, जानें तिथि शुभ मुहूर्त और महत्व

Mahalaya Amavasya 2022 Date: आश्विन मास की अमावस्या को महालया अमावस्या कहते हैं. इस दिन पतरों के निमित्त श्राद्ध किया जाता है. इस बार महालया अमावस्या तिथि 25 सितंबर को पड़ रही है.

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Mahalaya Amavasya Shradh 2022: धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, अमावस्या की तिथि पितरों को समर्पित होती है. ऐसे में इस दिन पतरों के निमित्त तर्पण, श्राद्ध किए जाते हैं. पितृ पक्ष में पड़ने वाली अमावस्या को महालया अमावस्या (Mahalaya Amavasya) कहते हैं. इस दिन को पितृ विसर्जन अमावस्या के नाम से भी जानते हैं. इसके अलावा इस दिन पतृ पक्ष (Pitru Paksha 2022) का समापन होता है. इस बार महालया अमावस्या 25 सितंबर, 2022 को है. आइए जानते हैं महालया श्राद्ध की तिथि, शुभ मुहूर्त और महत्व के बारे में.

कब है महालया अमावस्या श्राद्ध | Mahalaya Amavasya Shradh Date 2022

हिंदू पंचांग के अनुसार, आश्विन मास की अमावस्या तिथि को महालया कहते हैं. इस दिन पतरों के निमित्त विशेष तर्पण और श्राद्ध किया जाता है. इसे सर्वपितृ अमवस्या या पितृ विसर्जन अमावस्या भी कहते हैं. महालया अमावस्या पितृ पक्ष का आखिरी दिन होता है. जो लोग श्राद्ध पक्ष में किसी कारण से पितरों के निमित्त श्राद्ध नहीं कर पते हैं वे इस दिन श्राद्ध कर सकते हैं. इस साल महालया अमावस्या 25 सितंबर 2022 को है.

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महालया अमावस्या तिथि और शुभ मुहूर्त | Mahalaya Amavasya Date and Shubh Muhurat

  • महालया अमावस्या तिथि- 25 सितंबर, 2022
  • ब्रह्म मुहूर्त- 25 सितंबर को सुबह 4 बजकर 35 मिनट से 5 बजकर 23 मिनट तक
  • अभिजित मुहूर्त - 25 सितंबर को सुबह 11 बजकर 48 मिनट से दोपहर 12 बजकर 37 मिनट तक
  • गोधुली मुहूर्त- 25 सितंबर को शाम 06 बजकर 02 मिनट से शाम 6 बजकर 26 बजे तक
  • विजय मुहूर्त- 25 सितंबर को दोपहर 2 बजकर 13 मिनट से 3 बजकर 01 मिनट तक

महालया अमावस्या श्राद्ध का महत्व | Mahalaya Amavasya Shradh Mahatva


पितृ पक्ष की आखिरी तिथि को आश्विन अमावस्या या महालया (Mahalaya 2022) कहा जाता है. इसे सर्व पितृ अमावस्या (Sarva Pitru Amavasya 2022) भी कहते हैं. धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस दिन लोग पवित्र नदी में स्नान करके पूर्वजों के निमित्त तर्पण, श्राद्ध, पिंडदान इत्यादि करते हैं. इसके साथ ही जिन लोगों को अपने पितरों की मृत्यु-तिथि मालूम नहीं होता है, वे इस दिन पितरों का श्राद्ध करते हैं. पौराणिक मान्यता के अनुसार, महालया अमावस्या पर श्राद्ध करने से पूर्वजों को मोक्ष की प्राप्ति होती है. साथ ही उन्हें जन्म-मरण के बंधन से भी छुटकारा मिल जाता है.

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
 

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